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करौली

लोग जागे भी नहीं थे कि नगरपरिषद ने शहर में कर दिया ऐसा…

करौली. स्थानीय नगरपरिषद प्रशासन को मंगलवार सुबह यकायक अतिक्रमण हटाने की सुध आई।

करौलीJan 15, 2020 / 12:20 am

Dinesh sharma

लोग जागे भी नहीं थे कि नगरपरिषद ने शहर में कर दिया ऐसा...

लोग जागे भी नहीं थे कि नगरपरिषद ने शहर में कर दिया ऐसा…

करौली. स्थानीय नगरपरिषद प्रशासन को मंगलवार सुबह यकायक अतिक्रमण हटाने की सुध आई। इस दौरान अलग-अलग इलाकों से अतिक्रमणों को हटाया गया और बिना स्वीकृति के चल रहे निर्माण कार्यों को बंद कराया। परिषद की इस कार्रवाई का लोगों ने विरोध जताया।
मंगलवार को सुबह करीब 7 बजे ही नगर परिषद का दस्ता नगरपरिषद आयुक्त शिम्भूलाल मीना के नेतृत्व में गुलाब बाग, मैग्जीन, तीन बड़, कृषि उपज मण्डी क्षेत्र में अचानक जा पहुंचा। इस दौरान कृषि उपज मण्डी के बाहर सड़क किनारे तक लगी पट्टियों को जेसीबी से हटाया गया। इसके समीप ही बिना मंजूरी के निर्माणाधीन मकान के पिलरों को तोड़ डाला।
परिषद आयुक्त ने बताया कि इस दौरान बिना स्वीकृति के निर्माणाधीन दो मकानों के निर्माण को बंद कराने के साथ निर्माण सामग्री को जब्त की गई। इसके अलावा हाइवे किनारे दुकानदारों द्वारा रखी गई सामग्री को भी हटवाया। कृषि उपज मण्डी क्षेत्र के समीप होटलों के आगे टीनशेड भी हटाई गईं। कार्रवाई के दौरान सफाई निरीक्षक पिन्टू मीना, मुकेश सैनी, राजेन्द्र सहित जमादार व अन्य कार्मिक शामिल थे।
नोटिस दिया ना दी कोई सूचना
सुबह-सुबह लोग जागे भी नहीं थे कि परिषद ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर डाली। इलाके के लोग ही यकायक इस कार्रवाई को देख हतप्रभ रह गए। कुछ ही देर में मौके पर भीड़ जमा हो गई। अनेक लोगों ने नगरपरिषद द्वारा अचानक से इस तरह की गई कार्रवाई का विरोध भी जताया। उन्होंने कहा कि परिषद ने बिना सूचना दिए तोडफ़ोड़ की है, जो गलत है।
पहले ना कोई नोटिस दिया गया, ना सूचना दी गई। कृषि उपज मंडी के बाहर की गई कार्रवाई के विरोध में पीडि़त परिवार कलक्ट्रेट पहुंचा और जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप कार्रवाई पर रोष जताया। पीडि़तों ने बताया कि 2007 में एनएच 11बी पर स्थित 16 परिवारों को मुआवजे का वादा करके 7 बीघा भूमि का कृषि मण्डी निर्माण के लिए अधिग्रहण किया गया था। पीडि़त शिम्भू माली कमलेश, अनीता आदि ने बताया कि प्रशासन ने केवल ढाई बीघा भूमि का ही मुआवजा दिया।
भूमि अधिग्रहण होने से वे भूमिहीन हो गए और कृषि मंडी के बाहर खाली स्थान पर कच्चा मकान बनाकर रहने लगे। उस समय प्रशासन ने उन्हें जल्द ही पट्टा उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया था। उस दौरान मंडी प्रशासन व नगर परिषद ने भी उन्हें बेदखल नहीं करने की बात कही थी, लेकिन मंगलवार को नगर परिषद प्रशासन ने बिना सूचना के कार्रवाई कर तोडफ़ोड़ कर दी। वहीं कई पार्षद भी अतिरिक्त जिला कलक्टर के यहां पहुंचे और परिषद की बिना सूचना दिए की गई कार्रवाई की शिकायत की।
इधर परिषद के आयुक्त शिम्भूलाल मीना का कहना है कि एक दिन पहले लोगों को हाइवे से सामग्री हटाने और सड़क किनारे किए अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर जाकर चेतावनी दी गई थी।

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