थानाप्रभारी परभाती लाल ने बताया कि आरोपी पुणे के चिंचवाड़ा में सूखवानी उद्यान सोसायटी सांई दरबार निवासी बाला साहेब भापकर है। जिसने गोवा से सांई प्रसाद प्रॉपर्टी लिमिटेड़ के नाम से चिटफंड कंपनी पंजीकृत कराई। इसके बाद वर्ष 2009 में हिण्डौन के बयाना मोड़ पर ब्रांच ऑफिस शुरू की।
आरोपी ने अच्छे खासे कमीशन पर अभिकर्ता तैयार किए। जिनके माध्यम से क्षेत्र के सैंकड़ों भोले भाले लोगों को मोटे ब्याज व कम समय में जमा धन दोगुना होने का झांसा देकर आवर्ती जमा (आरडी) व फिक्सड़ डिपोजिट (एफडी) के नाम पर करोड़ों रुपए विभिन्न खातों में जमा कर लिए। लेकिन वर्ष 2014 में लोगों का करोड़ों रुपए लेकर यह कंपनी रातोंरात भाग गई।
इस पर खटीकपाड़ा निवासी रामभरोसी खटीक ने ठगी का मामला दर्ज कराया। मामले में पुलिस पूर्व में एक अभिकर्ता गोकुलराम को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज चुकी है। पुलिस ने मामले की गहनता से जांच की तो ठगी के असली गुनाहगारों का पता चला।
पुलिस ने चिटफंड कंपनी के संचालक मंडल में शामिल निदेशक व अन्य पदाधिकारियों की तलाश शुरू की तो निदेशक बाला साहेब भापकर के मुम्बई की आर्थर रोड सेन्ट्रल जेल में होने की जानकारी मिली। इस पर एएसआई फत्तेलाल व परमजीत सिंह समेत तीन सदस्यीय पुलिस टीम को न्यायालय का प्रोडक्शन वारंट लेकर मुम्बई भेजा। जहां से पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर लाई। आरोपी से उसके सहयोगियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
लुभावनी स्कीमों का देता था झांसा-
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी हिण्डौन समेत देश भर में अलग-अलग नामों से कम्पनियां संचालित कर स्थानीय लोगों को आकर्षक एवं लुभावनी स्कीम का लालच देकर कम समय में रकम को दोगुने करने का झांसा देता था। अभिकर्ताओं को अत्याधिक कमीशन का लालच देकर निवेशकों से राशि जमा कराई जाती थी, परंतु वापस नहीं की जाती थी।
देशभर में की 5000 करोड़ की जालसाजी-
पुलिस के अनुसार सांई प्रसाद प्रॉपर्टी लिमिटेड के डायरेक्टर बाला साहेब भापकर जालसाजी में प्रदेश में ठगी करने वाली बड़ी कम्पनी के संचालक माने जाते हैं। आरोपी के खिलाफ राजस्थान समेत देशभर के विभिन्न पुलिस थानों में करीब 5000 करोड़ रुपए की जालसाजी के दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।