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करौली

चंबल से सटे गांवों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त

करौली.चंबल कोटा बैराज से पानी छोडऩे से मण्डरयाल व करणपुर क्षेत्र में चंबल नदी ऊफान पर है। जिससे क्षेत्र के दर्जनों में गांवों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन ने चार गांवों के प्रभावित ग्रामीणों को राहत शिविर में ठहराया है।

करौलीAug 17, 2019 / 06:25 pm

vinod sharma

Public life disrupted in villages adjacent to Chambal

चंबल से सटे गांवों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त


करौली.चंबल कोटा बैराज से पानी छोडऩे से मण्डरयाल व करणपुर क्षेत्र में चंबल नदी ऊफान पर है। जिससे क्षेत्र के दर्जनों में गांवों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। (Public life disrupted in villages adjacent to Chambal) प्रशासन ने चार गांवों के प्रभावित ग्रामीणों को राहत शिविर में ठहराया है। इस दौरान लोगों ने राहत शिविरों में पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने पर रोष भी जताया। मण्डरायल तहसील के टोडी, कैमकच्छ व रांचौली गांव चंबल नदी के पानी से घिर गए। टोडी गांव के150 लोगों के पानी से घिरने की सूचना पर उपखण्ड अधिकारी रामचंद्र मीना, पुलिस उपअधीक्षक बाबूलाल मीना, एसडीआरएफ व नागरकि सुरक्षा दल के स्वयं सेवक स्टीमर के माध्यम से टोडी गांव पहुंचे। १५० ग्रामीणों को समझाकर बाहर निकाला, लेकिन १५-२० ग्रामीण पशुओं की सुरक्षा का हवाला देकर गांव में डटे रहे। अधिकारियों ने तीन-चार घंटे उनकी मुनाहस की, इसके बाद ही लोग घरों को छोडऩे के लिए तैयार हुए। टोडी गांव लगभग खाली करा दिया है। ग्रामीणों को रजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल मण्डरायल के राहत शिविरों में ठहराया गया है। उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि कैमकच्छ, बर्रेड व राचौंली में पानी घुसा था, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है।

करणपुर में पंचायत के सहारे व्यवस्थाएं
करणपुर उपतहसील क्षेत्र के महाराजपुरा पंचायत के गोटा, कसेेड पंचायत के बंधवारा व मल्लाहपुरा गांव में चंबल का पानी घुस गया। इससे ग्रामीणों काफी नुकसान हुआ है। घरेलू सामान तथा पशुओं का चारा भीग गया। सपोटरा की उपखण्ड अधिकारी तारामती वैष्णव ने बताया कि गोटा गांव के ग्रामीणों को महाराजपुरा के सरकारी स्कूल व वन विभाग की चौकी, बंधवारा और मल्लाहपुरा को कसेड के सरकारी भवनों में शिफ्ट किया गया। उन्होंने बताया कि पंचायत के माध्यम से खाने-पीने की व्यवस्थाएं की गई है।

पानी की आवक कम, हालात पर नजर
अतिरिक्त जिला कलक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कोटा-बैराज से पानी की आवक कम हुई है। जिससे अब हालात पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि ३५ हजार क्यूसेक पानी की आवक हुई है। डेढ मीटर पानी कम हो चुका है

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