दाऊजी मंदिर में स्थानीय सहित दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। राजस्थान ही नहीं हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, लखनऊ, बिहार से भी लोग यहां पहुंच मावा व माखन मिश्री का भोग लगाते हैं। सावन के महिने में यहां पांच दिन धूमधाम से सावन महोत्सव मनाया जाता है। बलदेव छठ का यहां विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
बुुजुर्ग बताते है कि 300 वर्ष पूर्व राजा चन्द्रजी ने चौहानों से विजय प्राप्त कर गुढ़ाचन्द्रजी कस्बे को बसाया और उसके बाद उन्होंने दाऊजी मंदिर की स्थापना करवाई। इसके बाद नरेश श्योदान सिंह ने मंदिर निर्माण पूरा कराया।