जीएसटी में हो कमी-
मौजूदा दौर में कमोबेश हर चीज के खरीद जीएसटी के दायरे में है। सरकार को जीएसटी में राहत देनी चाहिए। करों में राहत मिलने से बाजारों में खरीद की डिमांड बढ़ेगी तो मंदी दूर होगी।
-डॉ. आनंद अग्रवाल, हिण्डौनसिटी.
मौजूदा दौर में कमोबेश हर चीज के खरीद जीएसटी के दायरे में है। सरकार को जीएसटी में राहत देनी चाहिए। करों में राहत मिलने से बाजारों में खरीद की डिमांड बढ़ेगी तो मंदी दूर होगी।
-डॉ. आनंद अग्रवाल, हिण्डौनसिटी.
ई-बिजनेस की बने नीति-
करीब एक दशक से शुरू हुए ई-बिजनेस (ऑन लाइन खरीदारी) का बाजार में मंदी लाने में अहम किरदार रहा है। सरकार को ऑन लाइन मार्केट की अलग से नीति और नियंत्रण तय करना चाहिए। ताकि ठप पड़े बाजार फिर से गुलजार हो सकें।
-राकेश गोयल, हिण्डौनसिटी.
करीब एक दशक से शुरू हुए ई-बिजनेस (ऑन लाइन खरीदारी) का बाजार में मंदी लाने में अहम किरदार रहा है। सरकार को ऑन लाइन मार्केट की अलग से नीति और नियंत्रण तय करना चाहिए। ताकि ठप पड़े बाजार फिर से गुलजार हो सकें।
-राकेश गोयल, हिण्डौनसिटी.
समान कर व्यवस्था लागू हो
कर अदायगी से देश आर्थिक रूप से मजबूत बनता है। लेकिन बाजारों का समृद्ध होना जरुरी है। इसके लिए सरकार को सभी प्रकार के उत्पादों पर समान जीएसटी तय करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। जिससे उत्पाद की कीमत में 100-200 रुपए के अंतर पर ही जीएसटी का बड़ा इजाफा बोझ नहीं बने।
-राकेश गुम्बर, कपड़ा व्यवसायी।
डेयरी बाजार हो कर मुक्त-
किसान और पशुपालकों से जुड़े डेयरी लघु उद्योग में करों से राहत देने की जरुरत है। कस्बाई इलाकों में छोटी प्रोसेसिंग यूनिटों को करों से मुक्त रखने की दिशा में प्रयास होने चाहिए। तभी सीधे तौर से पशुपालक से जुड़ा डेयरी व सम्बद्ध व्यवसाय मजबूत हो सकेंगे।
प्रेमसिंह बेनीवाल, डेयरी व्यवसायी।