जल संसाधन विभाग के अधीन एक दर्जन से अधिक बांध हैं, जिन्हें अभी तक पानी का इंतजार बना हुआ है। जिले का एक भी बांध अपनी भराव क्षमता तो दूर उसके नजदीक तक नहीं पहुंच सका है। लोगों और किसानों का कहना है कि यदि सावन जैसी स्थिति भादो में भी रही तो आगामी फसल के लिए पानी का संकट हो सकता है। साथ ही क्षेत्र का भू-जल स्तर भी प्रभावित होगा। ऐसे में लोग इन्द्रदेव से अच्छी बारिश की आस लगाए बैठे हैं। यह बाद दीगर है कि इन सभी बांधों से सिंचाई नहीं होती है।
सभी बांधों को है पानी की दरकार
जल संसाधन विभाग के अधीन कुल 13 बांध हैं। लगभग सभी बांधों को पानी का इंतजार बना हुआ है। जिले के सबसे बड़े करौली क्षेत्र के पांचना बांध में वर्तमान में 258.62 मीटर की भराव क्षमता के मुकाबले अभी 251.65 मीटर ही पानी है। ऐसे में अभी पांचना को काफी पानी का इंतजार है। वहीं हिण्डौन क्षेत्र का 30 फीट की क्षमता वाला जगर बांध अभी आधे से भी अधिक रीता है।
इस बांध में वर्तमान में जलस्तर महज 10 फीट पर बना हुआ है। क्षेत्र का मामचारी बांध तो इस बार अभी तक लगभग रीता ही है। कुल 19 फीट की भराव क्षमता के इस बांध में महज 1.3 फीट पानी है। वहीं मण्डरायल इलाके का 17 फीट क्षमता का नींदर बांध तो अभी पूरी तरह पानी की बाट जोह रहा है। बांध का जलस्तर केवल 6.10 फीट पर बना हुआ है।
इसी प्रकार 26 फीट भराव क्षमता का टोडाभीम क्षेत्र का विशनसमंद बांध में अभी महज 5.1 फीट, नादौती के 16 फीट की भराव क्षमता के फतेहसागर में 5.2 फीट पानी है। खिरखिड़ी बांध में 19.6 फीट की भराव क्षमता के मुकाबले महज 3.2 फीट पानी है। इनके अलावा बांधवा, बैरुण्डा, मोहनपुरा, न्यूटेंक महस्वा, भूमेन्द्र सागर आदि बांधों के पेटे लगभग रीते पड़े हैं।
जिले में अब तक बारिश का गणित (एमएम)
सपोटरा 532
कालीसिल बांध 399
हिण्डौनसिटी 235
जगर 185
टोडाभीम 101
नादौती 333
श्रीमहावीरजी 319
करौली 279
पांचना बांध 327
मण्डरायल 311 सपोटरा में सर्वाधिक, टोडाभीम में सबसे कम
जिले में अभी तक सपोटरा इलाके को छोड़कर अन्य किसी भी स्थान पर खास बारिश नहीं हुई है। जल संसाधन विभाग के अनुसार सपोटरा में सर्वाधिक 532 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सबसे कम बारिश टोडाभीम में 101 मिलीमीटर ही हुई है। करौली में भी अभी तक 279 मिलीमीटर बारिश हो सकी है।
अभी उम्मीद है
यह सही है कि अभी तक कम बारिश से बांधों में पानी कम है। वैसे अभी बारिश के दो दौर शेष हैं। 15 सितम्बर तक बारिश का दौर रहता है। ऐसे में उम्मीद है कि आगामी दिनों में बारिश होने से बांधों में जलस्तर बढ़ सकेगा।
विजयकुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग, करौली