एसडीएम ने साफ तौर पर कहा कि पानी आमजन की मूलभूत आवश्यकता है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते शहर सहित समूचे उपखंड क्षेत्र में लोग पेयजल के लिए परेशान हैं। प्रतिदिन पानी के संदर्भ में शिकायतें आ रही है। लोग सरकारी दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन करने से लेकर राजमार्गों को जाम कर रहे हैं, जो खेद जनक है।
एसडीएम ने कहा कि बिना पानी के दैनिक जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है, इसीलिए श्रीमहावीर जी, हिण्डौन व सूरौठ तहसील क्षेत्र में टैंकरों से जल वितरण की व्यवस्था की गई है, लेकिन विभागीय अभियंताओं व प्रशासनिक अधिकारियों में परस्पर समन्वय नहीं होने के चलते टैंकरों से जलापूर्ति में भी गड़बड़ी की जा रही है।
एसडीएम ने कहा कि जरूरतमंद व्यक्ति को पानी नहीं मिल पा रहा, जबकि प्रभावशाली लोग अपने घरों तक टैंकर मंगा रहे हैं। एसडीएम ने कहा कि अगर जल्द से जल्द पेयजल व्यवस्था नहीं सुधरी, तो जिम्मेदार अभियंताओं पर कार्रवाई की गाज गिरना तय है। भविष्य में चक्का जाम और प्रदर्शन हुए तो पीएचईडी विभाग के अभियंता व संवेदक पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बैठक में सूरौठ तहसीलदार धर्मसिंह, पंचायत समिति के विकास अधिकारी ज्ञान सिंह, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिशासी अभियंता रविंद्र मीणा, श्रीमहावीरजी के तहसीलदार महावीर प्रसाद, पीएचईडी के सहायक अभियंता भगवान सहाय मीणा, कनिष्ठ अभियंता जगदीश मीणा, हिण्डौन के नायब तहसीलदार भारत भूषण जैन, नगर परिषद के सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेश पाठक, वरिष्ठ सहायक शिवराम गुर्जर व टैंकर जलापूर्ति संवेदक रविकांत शर्मा मौजूद रहे।
व्हाट्एसएप ग्रुप में होगी टैंकर वितरण की समीक्षा एसडीएम ने जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता रविन्द्र मीणा व सहायक अभियंता भगवान सहाय मीणा को एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर टैंकरों से जलापूर्ति एवं पेयजल योजनाओं के जरिए होने वाली जल वितरण व्यवस्था की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
एसडीएम ने कहा कि नगरपरिषद क्षेत्र, हिण्डौन ग्रामीण, सूरौठ, श्रीमहावीरजी क्षेत्र में पेयजल वितरण व्यवस्था में लगे संवेदक के टैंकरों में जीपीएस सिस्टम अभी तक लागू नहीं किया है, जो अत्यंत गंभीर विषय है। उन्होंने जल स्रोतों की जानकारी एवं वितरण किए जाने वाले पॉइंट के बारे में अभियंताओं से लेकर तहसीलदार व विकास अधिकारी तक को अवगत कराने के निर्देश दिए।