सवाईमाधोपुर व गंगापुरसिटी में डेयरी प्लांट बंद होने पर सवाईमाधोपुर-करौली जिला दुग्घ उत्पादक सहकारी संघ ने वर्ष 2015 में आरसीडीएफ स्तर भीलवाड़ा डेयरी से अनुबंध किया था। जिसमें संघ की गंगापुरसिटी, सवाईमाधोपुर सहित हिण्डौन डेयरी से संकलित खुले दूध को पाश्चुरीकृत कर टेंकरों से भीलवाड़ा भेजना व बदले में पॉली पैकिंग दूध की आपूर्ति करना तय किया गया। ऐसे में संघ अधिकृत क्षेत्र के सवाईमाधोपुर जिले में पांच वर्ष से भीलवाड़ा डेयरी दूध का विपणन कर रही है।
हिण्डौन सरस डेयरी प्लांट के प्रबंधक राजकुमार शर्मा ने बताया कि हिण्डौन क्षेत्र की महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से प्रतिदिन 7-8 हजार लीटर दूध का संकलन हो रहा है। जबकि डेयरी स्थानीय बाजार में महज 4500 लीटर दूध की खपत होती है। ऐसे सवाईमाधोपुर गंगापुरसिटी से एक दिन के अंतराल पर 6 हजार 5 हजार लीटर दूध की आता है। ऐेसे में डेयरी में से कई गुणा अधिक दूध का संकलन हो जाता है।
आरसीडीएफ स्तर पर हुए अनुबंध की अवधि एक माह पहले दिसम्बर माह में ही पूरी हो गई। इसके बाद भी हिण्डौन से भीलवाड़ा डेयरी के लिए दूध भेजा जा रहा है। अभी हिण्डौन से टैंकरों 16 हजार व दूसरे दिन 8 हजार लीटर दूध भेजा जा रहा है। डेयरी सूत्रों के अनुसार सवाईमाधोपुर सप्लाई शुरू नहीं होने से भीलवाड़ा को अनुबंध से पार एक माह दूध भेजा गया।
बचे दूध का बनेगा घी व मिल्क पाउडर-
अनुबंध खत्म होने से हिण्डौन डेयरी प्लांट में प्रति दिन 20 हजार लीटर से अधिक दूध का संकलन होगा। जबकि फिलहाल दोनों जिलों में करीब 15 हजार लीटर दूध की खपत होने की उम्मीद है। डेयरी प्रबंधन के अनुसार खपत से बचे दूध का घी बनाया जाएगा व आरसीडीएफ के निर्देश पर मिल्क पाउडर निर्माण के लिए अलवर डेयरी भेजा जाएगा।
हिण्डौन से शुरू हुई दूध की आपूर्ति-
भीलवाड़ा से दूध के आदान-प्रदान का पांच वर्ष का अनुबंध पूरा हो गया है। 15 जनवरी से सवाईमाधोपुर जिले में हिण्डौन डेयरी से दूध की सप्लाई शुरू कर दी है। इसके लिए 14 जनवरी को हिण्डौन डेयरी में सवाईमाधोपुर जिले की दूध की डिमांड ली गई थी।
– एमएल जैन, प्रबंध निदेशक
सवाईमाधोपुर-करौली जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, सवाईमाधोपुर