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करौली

रोजगार की दरकार के बीच मनरेगा का करौली जिले में यह हो रहा हाल

मनरेगा में प्रदेश में अंतिम पायदान पर करौली जिलाजिले में महज 19 हजार की श्रमिक संख्या

करौलीMay 30, 2020 / 09:14 am

Dinesh sharma

रोजगार की दरकार के बीच मनरेगा का करौली जिले में यह हो रहा हाल

रोजगार की दरकार के बीच मनरेगा का करौली जिले में यह हो रहा हाल

करौली. कोरोना संकट के दैर में भी करौली जिला महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना में प्रदेश में पिछड़ा हुआ है। अन्य जिलों के मुकाबले इन दिनों करौली जिले में मनरेगा में काफी कम काम संचालित हो रहे हैं, ऐसे में जिला प्रदेश के अन्य जिलों से अन्तिम पायदान पर है। हालांकि जिले की 243 ग्राम पंचायतों में से 196 ग्राम पंचायतों में कार्य तो संचालित हैं, लेकिन इन पर श्रमिक संख्या अन्य जिलों के मुकाबले काफी कम है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रदेश के 33 जिलों में 41 लाख 55 हजार से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं। जबकि करौली में श्रमिकों की संख्या लगभग 19 हजार के करीब ही है, जो अन्य जिलों के मुकाबले काफी कम है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि धीरे-धीरे संख्या को बढ़ाया जा रहा है। उनका कहना है कि प्रवासी मजदूरों के आने में बढ़ोतरी कुछ दिनों पहले ही हुई, जो फिलहाल होम आइसोलेशन में है, 14 दिन की समय अवधि पूरी होते ही श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
हालांकि सूत्र यह भी बताते हैं कि जिले में सभी पंचायत समितियों में पंचायती राज के चुनाव नहीं हो पाना भी पर्याप्त कार्य नहीं होने के साथ श्रमिकों की कम संख्या का कारण है।
1.32 लाख एक्टिव जॉबकार्ड
विशेष बात यह है कि मनरेगा में जिले में करीब ढाई लाख जॉबकार्ड बने हुए हैं, लेकिन इनमे से एक्टिव जॉबकार्ड की संख्या महज करीब 1 लाख 32 हजार ही है। एक्टिव जॉबकार्ड पर करीब 2 लाख 9 हजार श्रमिक एक्टिव हैं , लेकिन धरातल पर श्रमिकों की संख्या हर माह ही लगभग कम रहती है। गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते जिले के हजारों प्रवासी मजदूर जिले में अपने घर लौट गए हैं, जिन्हें मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार और जिला प्रशासन की ओरसे लगातार निर्देश भी दिए गए हैं, लेकिन अभी तक रोजगार पाने वाले श्रमिकों की संख्या आशानुरूप नहीं बढ़ पाई है।
जिले का यह है हाल
विभागीय सूत्रों के अनुसार गत वर्ष इन दिनों में लगभग 24-25 हजार की श्रमिक संख्या थी, जो वर्तमान में लगभग 19 हजार है। चूंकि जिले में नई बनी पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों का रिकॉर्ड अभी अपडेट नहीं हुआ है, इस कारण पुरानी पंचायत समितियों के अनुसार ही वे ग्राम पंचायतें उनमें शामिल है।
इस प्रकार जिले में ब्लॉकवार स्थिति पर नजर डालें तो हिण्डौन ब्लॉक की 59 मे से 50 ग्राम पंचायतों में संचालित हो रहे कार्यों पर श्रमिकों की संख्या महज 2391 है। इसी प्रकार करौली में 50 में से 36 पंचायतों में चल रहे कार्यों पर 2633 श्रमिक कार्यरत हैं। मण्डरायल की 24 पंचायतों में से 22 में कार्य चल रहे कार्यों पर 2049, नादौती में 30 में से 24 पंचायतों में 3169 श्रमिक, सपोटरा में 36 पंचायतों में से 29 में चल रहे कार्यों पर 5694 श्रमिक तथा टोडाभीम में 44 ग्राम पंचायतों में से 35 में चल रह कार्यों पर 3058 श्रमिक नियोजित हैं।
यह चल रहे कार्य
फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर व्यक्तिगत लाभ के कार्य अधिक स्वीकृत किए गए हैं। इनमें अपना खेत-अपना काम मेडबंदी, पीएम आवास योजना के अधिकतर कार्य शाामिल हैं, जबकि कुछेक कार्य तलाई खुदाई निर्माण आदि के भी हैं।

फैक्ट फाइल करौली जिला
कुल जॉब कार्ड 2 लाख 54 हजार
एक्टिव जॉब कार्ड 1 लाख 32 हजार
एक्टिव वर्कर 2 लाख 9 हजार
कुल ब्लॉक 6
कुल ग्राम पंचायत 243

आगे बढ़ेगी संख्या
मनरेगा में रोजगार की मांग के लिए अभियान चला रखा है। धीरे-धीरे संख्या बढ़ रही है। जो प्रवासी आए है, उनमें से अधिकांश अभी 14 दिन के होम आइसोलेशन पर हैं, यह अवधि पूरी होते ही श्रमिकों की संख्या बढ़ेगी। नए जॉब कार्ड भी बनाए जा रहे हैं।
राजेन्द्र सिंह चारण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, करौली

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