विशेष बात यह है कि मनरेगा में जिले में करीब ढाई लाख जॉबकार्ड बने हुए हैं, लेकिन इनमे से एक्टिव जॉबकार्ड की संख्या महज करीब 1 लाख 32 हजार ही है। एक्टिव जॉबकार्ड पर करीब 2 लाख 9 हजार श्रमिक एक्टिव हैं , लेकिन धरातल पर श्रमिकों की संख्या हर माह ही लगभग कम रहती है। गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते जिले के हजारों प्रवासी मजदूर जिले में अपने घर लौट गए हैं, जिन्हें मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार और जिला प्रशासन की ओरसे लगातार निर्देश भी दिए गए हैं, लेकिन अभी तक रोजगार पाने वाले श्रमिकों की संख्या आशानुरूप नहीं बढ़ पाई है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार गत वर्ष इन दिनों में लगभग 24-25 हजार की श्रमिक संख्या थी, जो वर्तमान में लगभग 19 हजार है। चूंकि जिले में नई बनी पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों का रिकॉर्ड अभी अपडेट नहीं हुआ है, इस कारण पुरानी पंचायत समितियों के अनुसार ही वे ग्राम पंचायतें उनमें शामिल है।
फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर व्यक्तिगत लाभ के कार्य अधिक स्वीकृत किए गए हैं। इनमें अपना खेत-अपना काम मेडबंदी, पीएम आवास योजना के अधिकतर कार्य शाामिल हैं, जबकि कुछेक कार्य तलाई खुदाई निर्माण आदि के भी हैं।
फैक्ट फाइल करौली जिला
कुल जॉब कार्ड 2 लाख 54 हजार
एक्टिव जॉब कार्ड 1 लाख 32 हजार
एक्टिव वर्कर 2 लाख 9 हजार
कुल ब्लॉक 6
कुल ग्राम पंचायत 243 आगे बढ़ेगी संख्या
मनरेगा में रोजगार की मांग के लिए अभियान चला रखा है। धीरे-धीरे संख्या बढ़ रही है। जो प्रवासी आए है, उनमें से अधिकांश अभी 14 दिन के होम आइसोलेशन पर हैं, यह अवधि पूरी होते ही श्रमिकों की संख्या बढ़ेगी। नए जॉब कार्ड भी बनाए जा रहे हैं।
राजेन्द्र सिंह चारण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, करौली