गम्भीर नदी में लगे तीन नलकूपों में से दो नलकूप खराब पड़े हैं। ऐसे में एक नलकूप का ही पानी टंकी में आ रहा है। जो दो गांवों के लिए पर्याप्त नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि जाटव बस्ती व कोली पाड़ा के ऊंचाई पर होने से नलों में पानी वहां तक पहुंच नहीं पाता। अगर झण्डे के घर के पास बाल्ब लगा दिया जाए तो जाटव बस्ती में पानी पहुंच सकता है।
योजना में गम्भीर नदी में ५ नलकूप स्थापित कर करीब एक किमी लंबी पाइप लाइन द्वारा आयुर्वेद चिकित्सालय के पास बनाई गई टंकी में पानी पहुंचा कर, टंकी के माध्यम से भोपुर-बहादुरपुर गांवों में घर-घर पानी पहुंचाने की योजना बनाई थी। योजना को शुरू हुए पांच साल हो गए है, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते गांव के कई मौहल्लों के बाशिंदे पानी का इंतजार कर रहे हैं।
भोपुर-बहादुरपुर गांवों में पेयजल की व्यवस्था संवेदक के भरोसे है। योजना के तहत पांच वर्ष तक नलकूप, टंकी का रखरखाव व पेयजल वितरण व्यवस्था संवेदक के जिम्मेे है। ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक द्वारा पेयजल व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोग भीषण गर्मी में पेयजल को तरस रहे है।
मंडरायल. कस्बे में पांच दिनों से जलापूर्ति गड़बड़ाने से लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि बूंद-बूंद पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।टैंकरों से जलापूर्ति नहीं होने से समस्या आ रही है। लोगों को पेयजल के लिए हैण्डपम्पों का सहारा लेना पड़ रहा है। कस्बे में शेखपुरा स्थित मस्जिद में लगे ट्यूबबैल के पास दर्जनों मुस्लिम समाज के लोग पानी भरने के लिए कतार में लगे रहते हैं।