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करौली

सरकार बोलती— हमने बहुत दिया, पूरी राशि खर्च की; लेकिन हकीकत ये कि लोगों की समस्या जस की तस ही बनी हुई है

पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइनें डाल कुछ टंकियों से जोड़ दिया, लेकिन कई स्थानों पर आज तक पानी नहीं पहुंचा…

करौलीJun 09, 2018 / 11:05 pm

Vijay ram

सरकार बोलती— हमने बहुत दिया, पूरी राशि खर्च की; लेकिन हकीकत ये कि लोगों की समस्या जस की तस ही बनी हुई है

सरकार बोलती— हमने बहुत दिया, पूरी राशि खर्च की; लेकिन हकीकत ये कि लोगों की समस्या जस की तस ही बनी हुई है

करौली/निसूरा.
पेयजल योजनाओं के नाम पर खूब राशि आने के बावजूद लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है। जिम्मेदारी अधिकारियों की उदासीनता के चलते जहां एक ओर सरकारी राशि का सदुपयोग नहीं हो पा रहा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा।
इसका नमूना है कि भोपुर-बहादुरपुर गांव में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से करीब पांच वर्ष पहले पेयजल योजना पर करीब पौने दो करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन अब तक गांव के अनेक मोहल्लों के बाशिंदे पानी को तरस रहे हैं। समस्या से त्रस्त भोपुर की जाटव बस्ती के लोगों का शनिवार को गुस्सा फुट पड़ा और विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर रोष जताया। उपसरपंच छुट्टन लाल जाटव, भरोसी, विजयसिंह, गीता, भागवती आदि ने बताया कि विभाग ने उच्च जलाशय का निर्माण करा दिया।
घरों में पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन डालकर टंकी से जोड़ दिया, लेकिन गांव के जाटव बस्ती, कोली पाड़ा सहित कई मौहल्लों में आज तक पानी नहीं पहुंचा। ऐसे में ग्रामीणों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामीण टैंकरों से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। पेयजल समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
तीन में से दो नलकूप खराब
गम्भीर नदी में लगे तीन नलकूपों में से दो नलकूप खराब पड़े हैं। ऐसे में एक नलकूप का ही पानी टंकी में आ रहा है। जो दो गांवों के लिए पर्याप्त नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि जाटव बस्ती व कोली पाड़ा के ऊंचाई पर होने से नलों में पानी वहां तक पहुंच नहीं पाता। अगर झण्डे के घर के पास बाल्ब लगा दिया जाए तो जाटव बस्ती में पानी पहुंच सकता है।
यह है योजना
योजना में गम्भीर नदी में ५ नलकूप स्थापित कर करीब एक किमी लंबी पाइप लाइन द्वारा आयुर्वेद चिकित्सालय के पास बनाई गई टंकी में पानी पहुंचा कर, टंकी के माध्यम से भोपुर-बहादुरपुर गांवों में घर-घर पानी पहुंचाने की योजना बनाई थी। योजना को शुरू हुए पांच साल हो गए है, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते गांव के कई मौहल्लों के बाशिंदे पानी का इंतजार कर रहे हैं।
संवेदक के भरोसे पेयजल व्यवस्था
भोपुर-बहादुरपुर गांवों में पेयजल की व्यवस्था संवेदक के भरोसे है। योजना के तहत पांच वर्ष तक नलकूप, टंकी का रखरखाव व पेयजल वितरण व्यवस्था संवेदक के जिम्मेे है। ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक द्वारा पेयजल व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोग भीषण गर्मी में पेयजल को तरस रहे है।
बूंद-बूंद पानी को तरसे
मंडरायल. कस्बे में पांच दिनों से जलापूर्ति गड़बड़ाने से लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि बूंद-बूंद पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।टैंकरों से जलापूर्ति नहीं होने से समस्या आ रही है। लोगों को पेयजल के लिए हैण्डपम्पों का सहारा लेना पड़ रहा है। कस्बे में शेखपुरा स्थित मस्जिद में लगे ट्यूबबैल के पास दर्जनों मुस्लिम समाज के लोग पानी भरने के लिए कतार में लगे रहते हैं।
लोगों ने बताया कि रमजान के माह में मुस्लिम समाज के अधिकांश लोग रोज रख रहे हैं, लेकिन ऐसे में समय में पेयजल किल्लत परेशानी का सबब बन गई है। इस मोहल्ले के नलों में पानी नहीं आ रहा।

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