जिले में खाद के अधिकतर होलसेल विक्रेता हिण्डौन सिटी में है। जिससे हिण्डौन सिटी तहसील की दुकानों पर खाद मिल रहा है। करौली, सपोटरा,मण्डरायल, टोडाभीम, नादौती क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के किसानों को खाद नहीं मिल रहा है। किसान रोजाना खाद के लिए दुकानों पर चक्कर लगाने को मजबूर है। लेकिन विक्रेता खाद उपलब्ध नहीं होने की कहकर टाल देते हैं। किसान संघ के जिलाध्यक्ष मोहरसिंह मीना ने बताया कि खाद की किल्लत की वजह से किसानों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दुकानों के पास खाद का स्टॉक है, पर वे किसानों को महंगे दामों पर खाद बेच रहे हैं। किसानों से 100 से १५० रुपए अधिक वसूल किए जा रहे हैं। इस बारे में विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है।
बुवाई प्रभावित, बिजली का इंतजार
खाद की किल्लत के अलावा जिले में बिजली का संकट भी है। कैलादेवी, करणपुर आदि क्षेत्र में रबी की फसल की बुवाई के लिए बिजली नहीं मिल रही है। क्योंकि क्षेत्र के गांवों की अधिकतर जमीन सूखी है। बिजली आपूर्ति बाधित होने से किसान पलेवा नहीं कर पाए है। बिजली की कमी से क्षेत्र के गांवों में सरसों व गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है। कैलादेवी, करणपुर, लोहर्रा, पीतूपुरा, अतेवा, राजौर, करसाई, मामचारी आदि गांवों में बुवाई पिछड़ी है।
जल्द होगा व्यवस्था में सुधार
आठ हजार मीट्रिक टन की तुलना में अभी एक हजार मीट्रिक टन खाद है। खाद की आपूर्ति होना शुरू हो गई हैष जल्द ही व्यवस्था में सुधार होगा।
बीड़ी शर्मा उपनिदेशक कृषि विस्तार करौली