(Hariyana News ) बेबसी भी ऐसी किसी को बयां नहीं की जा सके। किसी के समझ में (Story of a paralysis person ) उसका मर्म नहीं आ सके। आखिर समझाए तो (Every one left him ) समझाए कैसे जिसकी खुद की समझ में कुछ नहीं आ सके। जुबां होकर भी बेजुबां हो चुका यह शख्स शून्य में ताकते हुए अपनों को तलाशता रहा। उसका अपना साया भी उसका साथ छोड़ गया। सबने उसने तन्हा और अकेला छोड़ दिया, रब के हवाले। सिर्फ नजरों से ही पहचान कर नजरें मिला सकने में सक्षम यह शख्स घंटों तक अपनों की तलाश में घर से बाहर बैठा रहा। यह कोई ओर नहीं पक्षाघात से पीडि़त एक ऐसे शख्स की दास्तां है, जिसकी हालत देख कर इंसानियत भी शरमा जाए पर उसके अपनों को उसे इस हालत में छोडऩे में कोई शर्म नहीं आई।
अपने हुए बेगाने
पक्षाघात की वजह से चलने-फिरने और कुछ कहने के नाकाबिल इस व्यक्ति को क्या पत्नी और क्या माता-पिता सबने अपनी किस्मत के भरोसे तन्हा छोड़ दिया। वह छोड़ी गई हालत में घंटों तक अकेला बैठा रहा। आखिरकार जब पड़ोसियों ने देखा तो पहले तो माजरा समझ में नहीं आया। जब जानकारी की तो पता चला कि इस व्यक्ति को उसके सारे घरवाले छोड़ कर जा चुके हैं और वह अकेला घर के बाहर बैठा हुआ है। उसे इस बात की कोई सुधबुध नहीं है। पड़ोसियों ने ऐसी हालत देखने के बाद पुलिस को फोन किया।
पुलिस ने पहुंचाया घर में
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर इस व्यक्ति को घर के अंदर बिठाया। दरअसल ये शख्स अपनी पत्नी के साथ रहता था। घर में विवाद हुआ तो उसके भाई और पिता उसे अपने साथ ले गए। पर ज्यादा दिन तक भाई और पिता ने भी उसे नहीं रखा और इसका साथ छोड़ दिया। दोनों इसे घर के बाहर छोड़ कर चले गए। ना पत्नी ने उसकी सुध ली और ना भाईयों को उसकी हालत पर दया आई।
कैसे होगी देखभाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की मदद से ये शख्स कई घंटों बाद अपने घर के अंदर पहुंच गया लेकिन पता नहीं कब तक यहां इसकी देखभाल होगी। ये हमारे समाज की हमारे रिश्तों की कड़वी सच्चाई है कि जब शरीर साथ छोड़ देता है तो अपने भी साथ छोड़ देते हैं और इंसान बेसहारा,बेबस हो जाता है।