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हरियाणा में अनाज स्टोरेज के लिए साढे नौ लाख टन क्षमता के साइलो बनाने का काम शुरू

खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री करणदेव काम्बोज ने यह जानकारी दी…

करनालAug 10, 2018 / 04:01 pm

Prateek

खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री करणदेव काम्बोज

खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री करणदेव काम्बोज

(चंडीगढ): हरियाणा में अनाज भण्डारण के लिए गोदामों की भारी कमी है। सरकारी खरीद का अनाज खुले में पाॅलिथिन से ढककर रखना पडता है। अब राज्य सरकार केन्द्र के सहयोग से साढे नौ लाख टन क्षमता के साइलो का निर्माण करवा रही है। इनमें से तीन लाख टन क्षमता के साइलो के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने टेण्डर आमंत्रित किए हैं और साढे चार लाख टन क्षमता के साइलो सरकार अपने स्तर पर बनवा रही है।

 

खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री करणदेव काम्बोज ने गुरूवार को यह जानकारी दी। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि स्टोरेज क्षमता बढाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और जल्दी ही खुले में अनाज रखने की समस्या हल हो जायेगी। उन्होंने कहा लेकिन अनाज को खराब नहीं होने दिया जा रहा है। पिछली सरकारों के दौरान अनाज खराब होता था। अब अनाज बिल्कुल खराब नहीं होने दिया जा रहा है।

 

काम्बोज ने कहा कि हरियाणा को कैरोसीन मुक्त घोषित किया गया है और उज्जवला योजना के तहत बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन दिए गए है। लेकिन अब भी बाकी रहे बीपीएल परिवारों को आगामी 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक गैस कनेक्शन दिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अब तक 5 लाख 12 हजार गैस कनेक्शन उज्जवला योजना के तहत दिए गए है। इस योजना को 31 मार्च 2019 तक चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2005 के बाद से नए राशन कार्ड नहीं बनाए गए थे। अब 80 लाख नए राशन कार्ड बनवाए गए है।

 

उन्होंने कहा कि बीपीएल की केन्द्र और हरियाणा सरकार की अलग-अलग सूचियां है। दोनों सूचियों के बीपीएल को गैस कनेक्शन दिए गए है। गैस कनेक्शन देने के लिए गांव-गांव उज्जवला पंचायतें लगवाई गई। इसके अलावा मुख्यमंत्री जहां भी जाते हैं वहां उपस्थित जनसमुदाय से कहते हैं कि जिन्हें गैस कनेक्शन न मिले हों वे हाथ खडे करें। यदि कोई गैस कनेक्शन न मिलने के लिए हाथ खडे करता है तो उसे 24 घंटे में गैस कनेक्शन दिलाया जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 1नवम्बर 2017 को कैरांसीन की आपूर्ति बंद कर दी गई थी।

 

काम्बोज ने बताया कि जब भाजपा ने अक्टूबर 2014 में सत्ता संभाली थी तब सस्ते राशन के 1करोड 37 लाख लाभार्थी थे। इसके बाद जब इन्हें आधार नम्बर से जोडने की कार्रवाई की गई तो इनमें से 25 लाख लाभार्थी कम हो गए। अब 1 करोड 12 लाख लाभार्थी रह गए है। भारत सरकार से जो 66250 टन अनाज आवंटन मिलता था वह घटकर 52 हजार टन रह गया है। सालाना 400 करोड रूपए की बचत हो रही है। प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बचत के लिए हरियाणा की सराहना की है।


उन्होंने कहा कि राशन वितरण करने वाले डिपो के समय पर न खुलने की शिकायतें भी मिली थी। इस पर बायोमैट्रिक पहचान मात्र से डिपो बदलने की सुविधा भी दी गई है। इस सुविधा का लाभ लेते हुए 18 फीसदी लाभार्थियों ने डिपो बदले है। डिपो पर राशन पहुंचते ही लाभार्थी को एसएमएस के जरिए सूचना भेजने की व्यवस्था भी की गई है। लाभार्थी अपने प्रतिनिधि को भी राशन लेने भेज सकता है। राशन के कैशलैस भुगतान के लिए पंचकूला जिले में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। सभी डिपो होल्डर के बैंकों में खाते खुलवाए गए है। पायलट प्रोजेक्ट सफल होने पर समूचे प्रदेश में यह व्यवस्था शुरू की जायेगी।

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