गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण कर वेदों में पीएचडी कर विश्व के 41 देशों में आर्य समाज का प्रचार कर चुकी आर्य जगत की तेज तर्रार साध्वी डॉ. पुष्पा ने कहा अभिभावकों को चाहिए कि वे अपनी बेटियों को जूड़ो कराटे, लाठी एवं तलवार चलाने के साथ-साथ बंदूक चलाना भी सिखाएं। उन्होंने कहा बेटियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए उनको कुश्ती खिलाएं, ताकि समय पडऩे पर वे अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें।
आर्य समाज में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा बेटियों को महारानी लक्ष्मीबाई और दुर्गा की तरह बनाने का समय आ गया है। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपनी बेटियों को इस तरह के परिधान न पहनने दें जिनसे अंग प्रदर्शन होता हो। बेटियों को शिक्षित करने के साथ-साथ संस्कारवान बनाएं और उनका ध्यान रखें। बेटियों को भी चाहिए कि हिंदुस्तान की संस्कृति और माता-पिता की मान मर्यादा को ध्यान में रखते हुए जीवन को जिएं।
उन्होंने कहा आर्य समाज देश ही नहीं बल्कि बच्चों, युवाओं एवं लोगों को अच्छी राह पर चलना, माता-पिता, सास-ससुर की सेवा, सम्मान करना, पाखंंड़ों से दूर रहना, धर्म के मार्ग पर चलकर देश एवं समाज की रक्षा करना सिखाता है।