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कासगंज

जब निकली दलित की बारात, तो मूछों पर ताव देने वाले घर में ताला लगाकर भागे

यूपी के कासगंज जिले में संजय जाटव की शादी, दलित की बारात चढ़ाने का हुआ था विरोध।

कासगंजJul 16, 2018 / 08:57 am

धीरेंद्र यादव

Dalit Snjay jatav barat

Dalit Snjay jatav barat

कासगंज। यूपी के हाथरस से संजय जाटव और कासगंज की दलित शीतल की शादी रविवार की शाम धूमधाम के साथ हुई। निजामपुर गांव में पहुंचे दूल्हा ने आखिरी जंग लड़ने के बाद घुड़चढ़ी की रस्म हासिल कर ली। इस दौरान संजय जाटव की शादी में बाराती कम, खाकी ज्यादा दिखाई दी। इस बहुचर्चित वैवाहिक कार्यक्रम के मौके पर निजामपुर गांव पुलिस छावनी में तब्दील रहा।
इसलिए चर्चित रही ये शादी
कासगंज जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र के निजामपुर गांव में छह महीने पूर्व दलित संजय की शादी में गांव में घुड़चढ़ी करने को लेकर एक बाहुल्य और विशेष जाति के लोगों ने विरोध कर दिया था, जिसके बाद संजय जाटव ने इस मामले में पहले जिला प्रशासन से गुहार लगाई और बाद में सुनवाई न होने पर योगी सरकार से गुहार लगाई कि गांव में वह बारात चढ़ाना चाहता है, लेकिन आजादी के बाद से आज तक दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं चढ़ा था, लेकिन घुड़चढ़ी पर चढ़ना चाहता था। यह मामला तीन माह तक प्रदेश में ही नहीं देश में चर्चाओं का विषय बन गया। इसी बीच जिला प्रशासन ने लड़की नाबालिग बताकर शादी को तीन माह के टाल दिया और दोनों जाति के मध्य बारात चढ़ाने के लिए फैसला कर दिया और मैप तैयार कर दिया कि किस तरह से गांव बारात चढ़ाई जाएगी।
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गांव में रहा सन्नाटा
संजय जाटव की बारात गांव में पौने छह बजे के तकरीबन पहुंची थी, दूल्हे ने जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित दिए गए समय के अनुसार घुड़चढ़ी को बंद करा दिया। इस दौरान गाजे बाजे के साथ संजय जाटव घुड़चढ़ी पर चढ़कर दूल्हन शीतल के घर पहुंचा। जहां शादी की औपचारिकताएं पूरी की गईं। वहीं दूसरी ओर पुलिस दस्तक को लेकर स्वर्ण जाति के घरों में ताले लटके रहे। गांव में सन्नाटा पसरा रहा। हैरानी की बात रही है कि पूरी शादी में हुए परिवार के खर्चे से ज्यादा जिला प्रशासन का खर्चा तीन गुना हुआ।
बाराती से ज्यादा दिखे वर्दी वाले
जिला प्रशासन ने बारात को सकुशल रस्में अदा कराने के लिए पूर्व से ही तैयारियां पूरी कर ली थी। एएसपी के साथ सीओ, दो इंस्पेक्टर 12 एसओ, 12 एसआई, 70 कांस्टेबिल, दस महिला कांस्टेबिल के अलावा एक प्लाटून पीएसी को तैनात किया, जिससे बारात चढ़ने के दौरान कोई परिंदा पर नहीं मार सके। इस दौरान पूरा गांव छावनी में तब्दील रहा, तो वहीं एक विशेष जाति के लोग दहशत में रहे। इस मौके पर बारात विदा होने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।
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