कासगंज जिले के कादरगंज गंगाघाट पर बैठी महिला साध्वी संतोष नाथ हैं, जो कि हरियाणा के जींद की रहने वाली है। वह कादरगंज गंगाघाट के नाथ कुटी पर विराजमान है। इन्होंने खेलने खाने की उम्र में ही साध्वी का वेश धारण कर लिया था। अब भगवान की तपस्या में लीन होकर 38 वर्ष की उम्र पर जा पहुंची हैं।
बताया जा रहा है कि साध्वी संतोष नाथ एक सिद्धि प्राप्त हैं। वह हर वर्ष अक्षय तृतीया से घोर तपस्या पर बैठती हैं। चिलचिलाती धूप और खुले आसमान तथा चारों ओर से जलते हुए कंडो के बीच में बैठकर तप करती हैं। 43 डिग्री तापमान पर बैठी संतोष नाथ की यह तपस्या कठोर और बड़ी ही निष्ठावान होती है। बताया यह भी जाता है कि 41 दिन तक वह अन्न को त्याग कर देती है। सिर्फ जल और चाय के सहारे ही रहती है।
योगी पंकज नाथ बाबा ने बताया कि इस तपस्या का मुख्य उद्देश्य समाज कल्याण है। यह हमारी नाथ पंरपरा का एक हिस्सा है। यह वर्ष में दो बार होती है। एक अग्नि तपस्या के साथ जलधारा तपस्या भी होती है।