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एक लाख 44 हजार को 100 दिन के लिए इस काम की थी गारंटी, 11 सौ में सिमटकर रह गया आंकड़ा

सालभर में 47 लाख के ऊपर श्रजित हुए मानव दिवस, लेकिन हर हाथ को नहीं मिला 100 दिन का काम

कटनीApr 05, 2019 / 11:15 am

balmeek pandey

100 days people did not get work in MNREGA

100 days people did not get work in MNREGA

कटनी. हर हाथ को गांव में ही 100 दिन रोजगार की गारंटी… के नारे के साथ पलायन रोकने और ग्रामीणों को आर्थिक संकट उबारने सहित विकास को आयाम देने की मंशा से चल रही मनरेगा योजना दावों पर खरी नहीं उतरी है। भले ही जिला पंचायत व प्रशासन ने मनरेगा के मानव दिवस के टारगेट को पूरा कर लिया हो, लेकिन 100 दिन तक मनरेगा में रोजगार पाने वालों की स्थिति बेहद दयनीय है। 1 अप्रैल 18 से 31 मार्च 2019 तक 100 दिनों तक का काम मात्र 1108 परिवार को ही मिला है, जिसमें लगभग 90 हजार मानव दिवस श्रजित हुए हैं। बता दें कि जिले में एक लाख 44 हजार के ऊपर जॉबकार्डधारी परिवार हैं। इसमें से विभाग को 45 लाख 44 हजार मानव दिवस श्रजित करना था, इसमें से विभाग ने टारगेट के अनुसार 47 लाख, 59 हजार 454 मानव दिवस श्रजित किए हैं। मनरेगा में सबसे ज्यादा परेशानी थी तो वह थी भुगतान की। समय पर भुगतान न मिलने, काम न मिलना, मजदूरों के लिए सरपंच-सचिव सहित जनपद व जिले के अधिकारियों के चक्कर लगाने के कारण लोगों ने रुचि नहीं दिखाई। जिले में आलम यह है कि अभी भी जिले में 10 हजार से अधिक कार्ययोजनाएं पेंडिंग पड़ी हुई हैं। मनरेगा के तहत 100 दिन तक रोजगार का दावा मु_ीभर लोगों तक ही सीमित रहा। जिले में एक दिन से लेकर 14 दिनों तक 15 हजार 628 परिवार के लोगों की मिला। 15 से तीस दिन तक 16 हजार 267 परिवार ने काम किया जिसमें 3 लाख 70 हजार 415 मानव दिवस श्रजित हुए। 31 से 40 दिन का काम आठ हजार 3 परिवार में से 2 लाख 85 हजार 568 दिवस श्रजित हुए। 41 से 50 दिन 8 हजार 114 परिवार को काम मिला जिसमें मात्र 3 लाख 70 हजार 150 मानव दिवस तैयार हुए।

इन दिनों में भी यही स्थिति
51 से 60 दिन तक 7 हजार 222 परिवार को काम में से 4 लाख 3 हजार 315 मानव दिवस बने। 61 से 70 दिनों तक 6 हजार 356 परिवारों को मिले काम में 4 लाख 17 हजार 427 मानव दिवस बने। वहीं 71 से 80 दिन के काम में 7 हजार 689 परिवार को काम मिला, जिसमें 5 लाख 81 हजार 97 मानव दिवस बने। 81 से 99 दिन तक 23 हजार 135 जॉब कॉर्डधारी को काम मिला, जिसमें 20 लाख 88 हजार 174 मानव दिवन बने। 100 दिनों की उपस्थिति 898 ही रही, जिसमें 89 हजार 800 मानव दिवस बने। 101 से 150 दिन तक काम की स्थिति नगण्य रही। 31 मार्च तक 210 परिवार में से 23 हजार 29 मानव दिवस बने। जिले में 93 हजार 553 परिवार में से 47 लाख, 59 हजार 454 मानव दिवस श्रजित हुए।

मनरेगा को लेकर खास-खास
– जिले में 1 लाख 44 हजार जॉब कार्डधारी हैं। 1.39 लाख सक्रिय जॉब कार्डधारी हैं।
– जनवरी के बाद से एक करोड़ 9 लाख रुपए मजदूरी और सामग्री का 3 करोड़ 35 लाख रुपए बकाया है।
– 3 हजार 806 दिव्यांगों में से 945 को ही मिला मनरेगा में काम, 26 हजार 938 मानव दिवस ही हुए श्रजित।

यह है ब्लॉकवार 100 दिन के रोजगार की स्थिति
ब्लॉक परिवार मानव दिवस
बड़वारा 164 16939
बहोरीबंद 85 8533
ढीमरखेड़ा 120 12630
कटनी 337 34053
रीठी 192 19623
विगढ़ 210 210251
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योग 1108 112829
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इनका कहना है
मानव दिवस श्रजित करने का जो लक्ष्य निर्धारित हुआ है वह पूरा कर लिया गया है। उसके ऊपर काम हुआ है। 99 दिन तक रोजगार पाने वालों की संख्या अधिक है। 4 करोड़ के ऊपर भुगतान अटका है। राशि जारी होते ही भुगतान कराया जाएगा।
फ्रेंक नोबेल ए, जिला पंचायत सीइओ।

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