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सदन में दुख दर्द की आवाज उठाने मतदाओं ने जिन महिला जनप्रतिनिधियों को दिया वोट, वे एक बार नहीं पहुंची बैठक में, जानिए वजह

३६ माह१८ बैठकें, एक भी बैठक में नहीं पहुंची दो महिला जनप्रतिनिधि

कटनीApr 05, 2018 / 11:39 am

dharmendra pandey

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कटनी. क्षेत्र विकास को लेकर जिला पंचायत में सवाल पूछने के मामले में कई जनप्रतिनिधि ऐसे भी हैं जो अब तक के कार्यकाल में एक भी सवाल सदन पर नहीं रखे। इसमें दो महिला जनप्रतिनिधि शामिल हैं। एक ओर दो महिला जनप्रतिनिधि सवाल उठाने में पीछे रहीं तो तीन ऐसी महिला जनप्रतिनिधि भी हैं जो स्थानीय स्तर पर जनहित के मुद्दे उठाने में पुरुषों से भी आगे रहीं हैं। इसमें क्षेत्र क्रमांक-३ से निधि तिवारी, ४ से प्रगति राय व ५ से पूजा देवी सिंह शामिल है। चुने जाने के बाद से अब तक बैठकों में शामिल होंने वाले जनप्रतिनिधि में क्रमांक-१ से विद्या पटेल व क्रमांक ९ से क्रांति चौधरी हैं जो जीत का प्रमाण-पत्र लेने के बाद अब तक एक बार भी सदन में नहीं पहुंची है। जिले में साल २०१५ में जिला पंचायत का चुनाव हुआ था। १४ जनप्रतिनिधि चुनाव जीतकर जिला पंचायत पहुंचे थे। इसमें ८ महिलाएं जिपं सदस्य चुनी गई थी। सदस्य अपने क्षेत्र के विकास के मुद्दे उठाएं और अधिकारियों से उन्हे पूरा करने प्रोजेक्ट तैयार करवाएं इसके लिए हर दूसरे माह में सामान्य सभा व सामान्य प्रशासन विभाग की बैठक होती है। चुनाव होने के ३६ माह में १८ बैठके हो चुकी है।

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों को मिलता है हर माह वेतन
सांसद, विधायकों की तरह जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों को भी हर माह सरकार द्वारा वेतन भी दिया जाता है। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष को हर माह ११ हजार रुपये वेतन मिलता है। जबकि उपाध्यक्ष को ९५०० व सदस्यों को ४५०० रुपये वेतन दिया जाता है।

इन क्षेत्रों का दायित्व संभाल रहीं महिला जनप्रतिनिधि:
वार्ड जनप्रतिनिधि
-१४ ममता पटेल
-०१ विद्याबाई पटेल
-०३ गोलू निधि तिवारी
-०४ प्रगति राय।
-०५ पूजा देवी सिंह
-०८ माया पटेल
-०९ क्रांति चौधरी
-११ संतराबाई


घरेलू कामकाज में व्यस्त हूं, जिस वजह से जिला पंचायत में होने वाली बैठकों में शामिल नहीं हो पा रही हूं। क्षेत्रीय जनता के साथ लोगों का जुड़ाव बना हुआ है। उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाता है।
क्रांति चौधरी, जिपं सदस्य, क्षेत्र क्रमांक-०९।
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क्षेत्र की जनता ने विश्वास कर हमें चुना है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उनकी समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के साथ किया जाए। सदन में मौजूद अफसरों के सामने जनहित की समस्याओं को रखा जाता है।
निधि तिवारी, जिपं सदस्य, क्षेत्र क्रमांक-०३।
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क्षेत्र में लगातार सक्रिय होने के साथ ही बैठकों में शामिल होना हर जनप्रतिनिधि का कर्तव्य होता है। बैठकों में शामिल होंगे, अधिकारियों के सामने बात रखेंगे, तभी क्षेत्र की जनता की समस्याओं का समाधान हो पाएगा।
पूजा देवी सिंह, जिपं सदस्य, क्षेत्र क्रमांक-०५।
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मैं बैठकों में शामिल होती थी, लेकिन उससे कोई हल नहीं निकलता था। पिछले कुछ बैठकों में नहीं जा रहीं हूं। आने-जाने के लिए डीजल भी नहीं मिलता है। आगामी बैठक में शामिल हिस्सा लूंगी। क्षेत्र की जनता की जो समस्या होती है, उसे अधिकारियों से बातकर समाधान करा दिया जाता है।
विद्या पटेल, जिपं सदस्य, क्षेत्र क्रमांक-०१।

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