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प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी जज ने पांच दिन में ही सुना दी इतनी बड़ी सजा

षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश माधुरीराज लालजी की अदालत का फैसला, मौत के साथ ही 10 दस हजार रुपये का अर्थदंड

कटनीJul 29, 2018 / 09:04 pm

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न्यायाधीश ने फैसले में कहा ‘मासूम बालिका के साथ किये गये क्रूर पाश्विक कृत्य के लिए आरोपी को कठोर दंड नहीं दिया गया तो यह हमारी भारतीय सामाजिक पारिवारिक धरोहर ”बेटियोंÓÓ के साथ न्याय नहीं होगाÓ

कटनी.
न्यायालय से जनमानस को यह अपेक्षा रहती है कि क्रूर अपराध के लिए आरोपी को कठोर दंड मिलना चाहिए। ‘मासूम बालिका के साथ किये गये क्रूर पाश्विक कृत्य के लिए आरोपी को कठोर दंड नहीं दिया गया तो यह हमारी भारतीय सामाजिक पारिवारिक धरोहर ”बेटियोंÓÓ के साथ न्याय नहीं होगाÓ आरोपी के साथ सहानुभूति न्याय व्यवस्था को अधिक हानि पहुंचाएगी। यह बात षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश माधुरीराज लालजी ने ५ साल की मासूम छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी ऑटो चालक को शुक्रवार को सजा सुनाए के दौरान कही। न्यायाधीश ने आरोपी को फांसी के साथ ही 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में पुलिस ने 12 जुलाई को चालान पेश किया,23जुलाई से ट्रायल प्रारंभ हुआ। लगातार पांच दिन तक चले ट्रायल के बाद फैसला का प्रदेश में यह पहला मामला है। शासन की तरफ से जिरह करने वाले जिला अभियोजन अधिकारी हनुमंत किशोर शर्मा व डीएस तारन ने बताया कि कोतवाली थाना अंतर्गत नदीपार निवासी आरोपी ऑटो चालक राजकुमार कोल (34) को पांच साल की छात्रा को स्कूल से घर लाने ले जाने का जिम्मा माता-पिता ने सौंपा था। 4 जुलाई को छात्रा के साथ ऑटो चालक ने दुष्कर्म किया। उसकी इस हरकत से छात्रा बेहद डर गई। दूसरे दिन स्कूल जाने से मना कर दिया। 6 जुलाई को जब बच्ची ने फिर स्कूल जाने से मना किया तो माँ ने स्कूल नहीं जाने का कारण पूछा तो उसने राते हुए पूरी बात बताई। पूरे दिन परिजन इस बात को लेकर परेशान रहे। फिर रात 10.30 बजे कोतवाली थाना पहुंचे। ऑटो चालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ धारा 376/2(आइ), 323, 3/4 पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। गिरफ्तार कर न्यायालय में पेेश किया। 12 जुलाई को पुलिस ने मामले चालान प्रस्तुत किया। एडीपीओ अभिषेक मेहलोत्रा ने बताया कि 23 जुलाई को ट्रायल शुरू हुआ जो लगातार पंाच दिनों तक चला। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद शुक्रवार को षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश माधुरीराज लालजी ने धारा 376(कख) दंड विधि संशोधन अध्यादेश-2018के अपराध के लिए दोषी पाया और फांसी दिए जाने का फैसला सुनाया।

फैसला सुनकर सन्न रह गया आरोपी:
5 साल की छात्रा के साथ दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को फैसले का सुबह से ही लोग इंतजार कर रहे थे। परिजन भी सुबह से डटे रहे। लंच के बाद दोपहर जब ३ बजे कोर्ट परिसर में आरोपी को लाया गया तो वह डरा सहमा था। न्यायाधीश के फैसला सुनाने तक वह हाथ जोड़े खड़ा रहा। परिजन भी बाहर खड़ा होकर फैसले इंतजार कर रहे थे। इस बीच जैसे ही फैसला आया और आरोपी को फांसी सजा सुनाई गई तो फैसला सुनकर जैसे वह सन्न रह गया। इधर परिजनों के आंख से आंसू छलक पड़े।

इस तरह चला घटनाक्रम:
-4 जुलाई को छात्रा के साथ ऑटो चालक ने दुष्कर्म किया।
-6जुलाई को छात्रा ने स्कूल जाने से मना किया। पूछने पर बड़ी मां को ऑटो चालक की हरकत के बारे में बताया।
-6 जुलाई की ही रात कोतवाली थाना पहुंचकर परिजनों ने आरोपी ऑटो चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने अशलील हरकत का मामला दर्ज किया।
-7 जुलाई को कोतवाली पुलिस ने आरोपी ऑटो चालक को गिरफ्तार किया। उसी दिन न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
-12 जुलाई को पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश माधुरीराज लाल जी की अदालत में सुनवाई शुरू हुई।
-23 जुलाई से मामले में ट्रायल प्रारंभ हुआ। 24 व 25 को मामले से जुड़े लोगों के बयान दर्ज हुए।
-26 जुलाई को आरोपी की गवाही हुई।
-27-जुलाई को लंच के बाद दोपहर ३ बजे न्यायाधीश माधुरीराज लाल जी ने मृत्युदंड का फैसला सुनाया। इधर, कोर्ट के बाहर फैसला सुनने को खड़े परिजन मृत्युदंड की सजा सुनते ही रो पड़े।
-27 जुलाई को फैसला आने के बाद लोक अभियोजन संचालक राजेंद्र कुमार ने 5 दिन के भीतर कार्रवाई पूरी करने पर जिला अभियोजन अधिकारी हनुमंत किशोर शर्मा व डीएस तारण को प्रशंसा प्रमाण पत्र देने की घोषणा की।
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