दूसरी ओर माधवनगर में अतिक्रमण और कार्रवाई पर एसडीएम बलबीर रमण ने बताया कि सरकारी जमीन पर सबसे ज्यादा अतिक्रमण माधवनगर में है। कार्रवाई भी की जा रही है। आगे भी कार्रवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि यहां पुनर्वास की जमीन पर कुछ दशक पहले 1711 लोगों को जमीन आबंटित की गई थी। इसके बाद समीप की खाली पड़ी जमीन पर अतिक्रमणकर घर व दुकान का निर्माण किया गया। ऐसे अवैध निर्माण की संख्या 1356 है। इसके अलावा बीते एक वर्ष में अवैध निर्माण की संख्या डेढ़ सौ से अधिक है।
इधर, माधवनगर में सरकारी जमीन में सबसे ज्यादा अतिक्रमण का मामला सामने आने के बाद अतिक्रमणकारी अब कार्रवाई रोकने की तैयारी में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि इसके लिए अतिक्रमणकारी नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं।