किसान नेताओं ने बताया कि पहले कानून के मुताबिक हर व्यापारी केवल मंडी से ही किसान की फसल खरीद सकता था। अब व्यापारी को इस कानून के तहत मंडी के बाहर से फसल खरीदने की छूट मिल जाएगी। अनाज, दाल, खाद्य तेल, प्याज, आलू आदि को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर करके इसकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी गई है। सरकार कांट्रेक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की बात कह रही है। किसान इसी का विरोध कर रहे हैं।
इस मामले में किसान नेता एके खान ने बताया कि प्रधानमंत्री, किसानों के लिए जो अध्यादेश लाए हैं वह किसान विरोधी है। इससे किसान मजबूत नहीं होगा बल्कि उसकी कमर टूट जाएगी। चेतू पटेल ने भी केंद्र सरकार व मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की जमकर मुखालफत की। कहा कि इस लॉकडॉउन में किसानों व गरीबों को तो सरकार ने भूखा मार ही दिया, अब केंद्र सरकार के इस अध्यादेश से किसान और टूट जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद बीज भी नहीं मिल रहा है। इससे किसान परेशान है।
शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए किसान तहसीलदार कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने ज्ञापन सौंपकर अध्यादेश वापस लिए जाने की मांग की।