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बड़ी खबर: पीएम फसल बीमा के लिए अधिसूचित नहीं थे गांव, फिर भी इस जिले में हजारों किसानों से वसूले गए लाखों

locationकटनीPublished: Oct 12, 2018 10:01:33 pm

Submitted by:

balmeek pandey

जिले के 32 के 20 हलकों में नहीं है 100 हेक्टेयर कृषि भूमि, फिर भी बैंक व समितियों ने ऋण के समय काट ली प्रीमियम राशि

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Agriculture Department’s Negligence with Farmers

कटनी. अल्पवर्षा…, अवर्षा, अतिवृष्टि, ओला-पाला सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेल रहे जिले के हजारों किसानों को अफसरों की मनमानी का बड़ा दंश झेलना पड़ा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के जो ग्राम अधिसूचित नहीं हैं उनसे 2016 से रबी और खरीफ दोनों सीजन में लाखों रुपए की बीमा प्रीमियम राशि बैंकों द्वारा इंश्यारेंस कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कपनी ऑफ लिमिटेड की सांठगांठ से काटी गई है। जिले के किसानों को फसल बीमा का लाभ मिले या न मिले, फसल चाहे पूरी नष्ट हो जाये लेकिन बीमा क्लेम की न तो गारंटी है और ना ही प्रावधान। जिले की 7 तहसीलों के 5 हजार से अधिक किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम काट ली गई। किसानों ने बैंकों, सोसायटियों से जब बोनी करने खाद, बीज आदि के लिए कर्ज लिया तो कर्ज की राशि से सीधे बीमा प्रीमियम राशि काट ली गई। किसानों को उम्मीद थी कि उनकी फसल नष्ट हुई है तो सर्वे होगा और मुआवजा मिलेगा, लेकिन जब वे अफसरों के पास पहुंच रहे तो उन्हें दो टूक कह दिया जा रहा है कि आपका गांव तो इस योजना के तहत अधिसूचित ही नहीं है तो फिर किस बात का फसल बीमा मिलेगा।

इन हलकों में कट रही प्रीमियम राशि
जिले की बड़वारा तहसील क्षेत्र अंतर्गत हलका नंबर 28 का खरखरी, 29 विलायत खुर्द, 31 सलैया, ठुठिया, लोहरवारा, 32 भादाव, परइकाप, अमराडाड़ गांव है जो अधिसूचित नहीं हैं। इसी प्रकार बहोरीबंद तहसील का हलका नं. 58 छपरा, 74 तेवरी, 77 संसारपुर, रितुआ शामिल हैं। ढीमरखेड़ा का हलका नं. 18 घुघरी, कटनी तहसील से 39 बरगवां, कुठला, 40 पुरैनी, पहरुआ, 41 खिरहनी, 42 मुड़वारा, 44 पडऱवारा, टिकुरी, टिकरिया, 49 हीरापुर कौडिय़ा, 59 बिचुआ, विजयराघवगढ़ से 27 विगढ़, 31 अमेहटा, 33 बड़ारी, 35 गुडग़ुड़ौहा, 36 कोयलिया गांव हैं जो अधिसूचित नहीं हैं फिर भी किसानों से राशि काटी जा रही है।

यह है नियम
उपसंचालक कृषि एके राठौर के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सिर्फ वहीं गांव शामिल किये गए हैं जिन गांवों में कृषि क्षेत्र की भूमि का रकबा 100 हेक्टेयर के ऊपर है। वहीं पर बीमा प्रीमियम राशि कटनी है और नुकसान होने पर तय मापदंड के अनुसार क्लेम का प्रावधान है।

इनका कहना है
जो गांव अधिसूचित नहीं हैं वहां के किसानों से भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा प्रीमियम राशि काटा गया है, इसकी सूची तैयार कराई जा रही है। कटी राशि को वापस कराने सहित दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अरुण मसराम, सहायक आयुक्त सहकारिता।

यदि बगैर अधिसूचित गांव के किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम राशि काटी गई है तो तत्काल इसकी जांच कराएंगे। जांच में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।

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