बेरोजगार महिला से जालसाजी करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सुनाया एक साल सजा का फैसला
कटनी•Oct 24, 2018 / 11:47 am•
dharmendra pandey
Court News
कटनी. ऊपर तक पहुंच का हवाला देकर एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने सहेली को सहायिका पद में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपये ऐठ लिए। ढाई साल तक जब नौकरी नही मिली तो बेरोजगार महिला ने रुपये मांगना शुरू कर दिया, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने नहीं लौटाए। तब जाकर जालसाजी का शिकार हुई महिला ने बहोरीबंद थाना में शिकायत दर्ज कराई। मामला अदालत तक पहुंचा। यहां पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को जालसाजी का दोषी माना और एक साल की सजा फैसला सुनाया। साथ ही 500रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
एडीपीओ सुरेंद्र गर्ग ने बताया कि थाना बहोरीबंद के अंतर्गत आने वाले ग्राम मोहनिया निवासी सविता दुबे (30) आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ है। जालसाजी की शिकार हुई महिला अनीता यादव भी मोहनिया गांव की रहने वाली है और वर्तमान समय में परिवार के साथ नेहरू वार्ड में रहती है। आरोपी सविता दुबे व पीडि़त अनीता यादव आपस में अच्छी दोस्त भी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दुबे, का ठगी की शिकार हुई महिला अनीता यादव के घर भी आना जाना था। एडीपीओ ने बताया कि 22 अगस्त 2012 को आरोपी कार्यकर्ता ने अनीता से आंगनबाड़ी में सहायिका पद पर नौकरी लगवाने का प्रलोभन दिया। ऊपर तक पहुंच होने का हवाला देकर 30 हजार रुपये लगने की बात कहीं। इधर, नौकरी के झांसे में आकर पीडि़ता ने 20 हजार रुपये दें दिए। इसके बाद लगभग ढाई साल तक नौकरी लगने का इंतजार किया। जब नौकरी नहीं मिली तो अनीता ने रुपये की मांग की, इस पर कार्यकर्ता आना कानी करने लगी। तब अनीता ने बहोरीबंद थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। मामला अदालत पहुंचा। नौकरी लगवाने के नाम पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने सहेली को ठगा, साक्षय के आधार पर न्यायाधीश ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को धारा 420 का दोषी माना और एक साल की सजा व 500रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया।