निरस्त हो जारी आदेश
विधायक ने कहा है कि आयुक्त मध्यप्रदेश हर राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के पत्र क्रं. 8314 एनआरई जीएस एनआर स्था मप्र 2/2020 भोपाल दिनांक 28 फरवरी 2020 एवं पत्र क्रं. 8312 एनआरईजीएस एन आर मध्यप्रदेश 2/2020 भोपाल 28 फरवरी 2020 जारी कर निर्देश प्रसारित किए गए हैं कि यदि किसी संविदा सेवक की संविदा अवधि 31 मार्च 2020 की स्थिति में नहीं बढ़ाती है तो बिना किसी सूचना दिए संबंधित संविदा सेवक की नियुक्ति समय समाप्त हो जाएगी। उस जारी निर्देश के कारण संविदा लोक सेवकों में के भविष्य को लेकर चिंता का विषय निर्मित हो गया है। समस्त संविदा सेवकों की मांग है कि आयुक्त मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा संविदा लोक सेवकों के लिए जारी नीति में संशोधन अथवा जारी पत्र निरस्त किए जाने की कार्यवाही कराएं। बिंदुओं का निराकरण कराए जाने के लिए संबंधित विभागों को उचित आदेश जारी करें।
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पूर्व में भी जारी कर चुके हैं पत्र
इस संपूर्ण मामले में खास बात यह भी है कि एक बार फिर इस पत्र में विधायक ने यह बात लिखी है कि संविदा कर्मचारी एवं रोजगार सहायकों का रवैया हमेशा सहयोगात्मक रहा है। बता दें कि कुछ समय पूर्व एक शिक्षक के स्थानांतरण को लेकर विधायक ने यह जिक्र किया था कि विधानसभा चुनाव में इनका काफी सहयोग था और एक बार फिर इस तरह की बात इस पत्र में लिखी गई है। हालांकि बाद में विधायक ने इस बात की सफाई दी थी कि उन्होंने यह पत्र नहीं लिखा है वह कंप्यूटराइज पत्र लिखते हैं। हैंडराइटिंग वाला नहीं। लेकिन इस मामले में उन्होंने स्वयं पत्र लिखा है जिस बात की पुष्टि संविदा संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष डॉ. अजीत सिंह ने की है। सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि नियमितिकरण की बजाय सेवा समाप्ति की प्रतिकूल टिप्पणी की गई है। संगठन ने भी इस आदेश को रद्द करने मांग की है।