घटना के संबंध में एसपी सीबीआई अजय दुबे का कहना है कि कटनी सिलौंडी निवासी जितेंद्र कुमार साहू ने कछार गांव में केयोस्क केंद्र के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की सिलौंडी शाखा में 5 अक्टूबर को आवेदन किया था। लेकिन शाखा प्रबंधक शशिकांत मिश्रा ने केयोस्क केंद्र संचालन की अनुमति के बारे में जितेंद्र को संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बल्कि इशारों में रिश्वत की मांग की। कई दिन बीत जाने के बाद जितेंद्र ने अपने भाई दिलीप साहू को इस बारे में बताया और उससे बैंक प्रबंधक से वार्ता करने को कहा।
दिलीप जब बैंक में पहुंचा और प्रबंधक से जितेंद्र के केयास्क खोलने के संबंध में बात शुरू की तो प्रबंधक ने 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। एसपी सीबीआई के मुताबिक प्रबंधक ने दिलीप से साफ तौर पर कहा कि बिना लेन-देन के केयोस्क खोलने की इजाजत नहीं मिलेगी।
इसके बाद गुरुवार को ये सारी बाद जितेंद्र ने एसपी सीबीआई दुबे को बताई। फिर एसपी सीबीआई के निर्देश पर निरीक्षक जेजे दामले की अगुवाई में टीम सिलौंडी पहुंची। टीम ने प्रबंधक को पकड़ने की योजना बनाई। आवेदक ने जैसे ही प्रबंधक मिश्र को रिश्वत के 10 हजार रुपए दिए, वहां मौजूद सीबीआई के अधिकारियों ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। सीबीआई ने आरोपी प्रबंधक शशिकांत मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।
सीबीआई टीम गुरुवार देर रात तक बैंक में दस्तावेजों को खंगालती रही। सीबीआई ये पता लगाने में जुटी है कि बैंक ने अब तक कितने केयोस्क केंद्र संचालन की अनुमति दी है। इसका पता लगने के बाद सीबीआई टीम उन केयास्क संचालकों से संपर्क साध कर ये पता लगाने की कोशिश करेगी कि उन्होने बैंक प्रबंधक को कितने रुपये की रिश्वत दी।