प्रस्ताव का पता न राशि का
जिला अस्पताल परिसर में अलग से बिजली सबस्टेशन को लेकर साल 2006 में 33/11 केवी का उपकेंद्र बनाए जाने प्रस्ताव तैयार किया गया था। तैयारी हो जाने के बाद 9 जनवरी 2007 में पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री व कटनी-मुड़वारा से विधायक रहीं अल्का जैन ने भूमिपूजन किया था। परिसर में आज भी लगी शिलान्यास पट्टिका में उनका नाम लिखा हुआ हैं। सूत्रों की मानें तो उस समय करीब 2 लाख रुपये भी बिजली कंपनी को मिले थे। हालांकि प्रस्ताव किसने बनाया था और राशि कहां गया इसको लेकर अफसर कुछ भी जबाव नहीं दे पा रहे हैं।
डेढ़ साल पहले फिर से बना प्रस्ताव फाइलों में दबा
जिला अस्पताल में सेप्रेट बिजली उपकेंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव डेढ़ साल पहले बनाया गया था। वह भी फाइलों में दबकर रह गया। कारण अस्पताल प्रबंधन डेढ़ साल में सबस्टेशन के लिए जगह ही चिन्हित नहीं कर पाई।
बिजली सबस्टेशन बनने से अस्पताल में आने वालों को होता यह लाभ
जिला अस्पताल में यदि 33/11केवी का उपकेंद्र बनने के बाद मरीजों के साथ ही डॉक्टरों व कर्मचारियों को भी बिजली बंद होने जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। सेप्रेट सबस्टेशन होने से फाल्ट की समस्या भी कम होती है। वर्तमान समय में जिला अस्पताल में बिजली की स्थिति यह है कि अगर कहीं पर भी छोटा से भी फाल्ट हुआ तो बिजली बंद हो जाती है। बिजली गुल होने से मरीजों को सबसे अधिक परेशानी गर्मी में होती है।
-जिला अस्पताल में बनने वाले 33/11केवी विद्युत उपकेंद्र का शिलान्यस साल 2007 में मेरे द्वारा किया गया था। इसके बाद सीएमएचओ ने जमीन देने से मना कर दिया था। कहा गया था कि परिसर के अंदर नहीं लग सकता है।
अल्का जैन, पूर्व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री।
-12 साल पहले क्या प्रस्ताव बनाया गया था। इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं हैं। उस समय के अधिकांश लोग भी रिटायर हो गए हैं। उपकेंद्र क्यों नहीं बन पाया और कितना पैसा मंजूर हुआ था, इसके बारे में पता करने के बाद ही कुछ कह पाउंगा।
प्रशांत वैद्य, कार्यपालन यंत्री शहर विद्युत कंपनी।
-जिला अस्पताल में उपकेंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव किसने बनाया था। भूमिपूजन कब हुआ और मना किसने कर दिया इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं हैं। सिविल सर्जन ने रोका होगा।
डॉ. अशोक चौदहा, तत्कालीन सीएमचओ।