scriptबिजली सब स्टेशन बनाने 12 साल पहले हुए भूमिपूजन की पट्टिका झाडिय़ों से घिरी, पूर्व मंत्री ने कहा जमीन देने से किया मना | Bhumi Pujan plaque surrounded by bushes 12 years ago to build power su | Patrika News
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बिजली सब स्टेशन बनाने 12 साल पहले हुए भूमिपूजन की पट्टिका झाडिय़ों से घिरी, पूर्व मंत्री ने कहा जमीन देने से किया मना

-सीएमएचओ दफ्तर के सामने प्रदेश सरकार में पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री रहीं अल्का जैन ने किया था भूमिपूजन, काम पूरा नहीं होने पर तत्कालीन सीएमएचओ पर फोड़ा ठीकरा

कटनीAug 31, 2019 / 11:03 am

dharmendra pandey

Foundation Stone

झाडिय़ों में दबी शिलान्यास पट्टिका।

कटनी. जिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बिजली आपूर्ति में समस्या के कारण किसी भी तरह से इलाज में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए यहां 12 साल पहले 33/11केवी विद्युत उपकेंद्र निर्माण का भूमिपूजन किया गया था। इन बारह सालों में अस्पताल के लिए अलग से बिजली सबस्टेशन का निर्माण भले नहीं हो सका है, लेकिन सरकारी उपक्रम से जुड़े अधिकारियों की लापरवाही जरूर खुलकर सामने आ गई है। बिजली सबस्टेशन का भूमिपूजन करने वालीं तत्कॉलीन शिक्षा राज्यमंत्री अल्का जैन निर्माण नहीं होने को लेकर तत्कॉलीन सीएमएचओ को जिम्मेंदार ठहरा रही हैं, तो सीएमएचओ स्वयं को अंजान बताते हुए सीएस द्वारा निर्माण रुकवाने की बात कह रहे हैं।

प्रस्ताव का पता न राशि का
जिला अस्पताल परिसर में अलग से बिजली सबस्टेशन को लेकर साल 2006 में 33/11 केवी का उपकेंद्र बनाए जाने प्रस्ताव तैयार किया गया था। तैयारी हो जाने के बाद 9 जनवरी 2007 में पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री व कटनी-मुड़वारा से विधायक रहीं अल्का जैन ने भूमिपूजन किया था। परिसर में आज भी लगी शिलान्यास पट्टिका में उनका नाम लिखा हुआ हैं। सूत्रों की मानें तो उस समय करीब 2 लाख रुपये भी बिजली कंपनी को मिले थे। हालांकि प्रस्ताव किसने बनाया था और राशि कहां गया इसको लेकर अफसर कुछ भी जबाव नहीं दे पा रहे हैं।

डेढ़ साल पहले फिर से बना प्रस्ताव फाइलों में दबा
जिला अस्पताल में सेप्रेट बिजली उपकेंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव डेढ़ साल पहले बनाया गया था। वह भी फाइलों में दबकर रह गया। कारण अस्पताल प्रबंधन डेढ़ साल में सबस्टेशन के लिए जगह ही चिन्हित नहीं कर पाई।

बिजली सबस्टेशन बनने से अस्पताल में आने वालों को होता यह लाभ
जिला अस्पताल में यदि 33/11केवी का उपकेंद्र बनने के बाद मरीजों के साथ ही डॉक्टरों व कर्मचारियों को भी बिजली बंद होने जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। सेप्रेट सबस्टेशन होने से फाल्ट की समस्या भी कम होती है। वर्तमान समय में जिला अस्पताल में बिजली की स्थिति यह है कि अगर कहीं पर भी छोटा से भी फाल्ट हुआ तो बिजली बंद हो जाती है। बिजली गुल होने से मरीजों को सबसे अधिक परेशानी गर्मी में होती है।

-जिला अस्पताल में बनने वाले 33/11केवी विद्युत उपकेंद्र का शिलान्यस साल 2007 में मेरे द्वारा किया गया था। इसके बाद सीएमएचओ ने जमीन देने से मना कर दिया था। कहा गया था कि परिसर के अंदर नहीं लग सकता है।
अल्का जैन, पूर्व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री।
-12 साल पहले क्या प्रस्ताव बनाया गया था। इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं हैं। उस समय के अधिकांश लोग भी रिटायर हो गए हैं। उपकेंद्र क्यों नहीं बन पाया और कितना पैसा मंजूर हुआ था, इसके बारे में पता करने के बाद ही कुछ कह पाउंगा।
प्रशांत वैद्य, कार्यपालन यंत्री शहर विद्युत कंपनी।

-जिला अस्पताल में उपकेंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव किसने बनाया था। भूमिपूजन कब हुआ और मना किसने कर दिया इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं हैं। सिविल सर्जन ने रोका होगा।
डॉ. अशोक चौदहा, तत्कालीन सीएमचओ।

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