जिलेभर में आदिम जाति कल्याण विभाग, पिछडा वर्ग, राज्यशिक्षा केंद्र, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 84 बालक व बालिका छात्रावास का संचालन किया जा रहा हैं। इनमें से 61 छात्रावासों में कैमरे ही नहीं लगे हैं। 23 छात्रावास जिनमें कैमरे तो लगे हैं, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से कई भी बंद पड़े हैं। छात्रावासों की सुरक्षा को लेकर शासन द्वारा 30 पैरामीटर भी बनाए गए हैं, लेकिन इसका पालन नहीं किया जाता है। अधिकांश में आगंतुक रजिस्ट्रर भी नहीं है।
आदिम जाति के 59 व पिछड़ा वर्ग के 2छात्रावासों में नहीं कैमरे
जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 59 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। इसमें अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थी निवास करते है। पढ़ाई करते हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास की स्थिति यह है कि इन छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। छात्रावासों में कौन आ रहा है या जा रहा कुछ पता भी नहीं चलता है। खिरहनी स्थित बालक छात्रावास के हालात ऐसे है कि यहां पर रात में बाहरी लोग भी आकर रुकते है और सुबह होते ही चले जाते है। इसको लेकर कई बार शिकायत भी हुई। सुधार नहीं हुआ। इसके साथ ही जिले में दो छात्रावास पिछड़ा वर्ग के है। इसमें भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है।
सालभर पहले विभाग ने बनाई थीं योजना, अब ठप
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे छात्रावासों में सालभर पहले ही सीसीटीवी कैमरे लग जाने चाहिए थे। विभाग द्वारा इसके लिए प्रस्ताव भी बनाया था। फिर फंड नहीं होने का बहाना बनाकर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
राज्य शिक्षा केंद्र व रमसा द्वारा जिले में क्रमश: 16 व 6 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। विद्यार्थियों की सुरक्षा व गतिविधियों को लेकर विभाग द्वारा इन छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे तो लगवाएं हैं, लेकिन अधिकांश में बंद पड़े है।
आदिम जाति कल्याण विभाग – 59
राज्य शिक्षा केंद्र – 16
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन – 06
पिछड़ा वर्ग – 02
महिला एवं बाल विकास – 01
इन नियमों का होना चाहिए पालन
-24 घंटे हॉस्टल में अधीक्षिका को उपलब्ध रहना चाहिए।
– सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो।
-हर माह छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य का परीक्षण होना चाहिए।
-महिला थाना प्रभारी, महिला हेल्पलाइन नंबर, पुलिस का डायल 100 नंबर, आगंतुक रजिस्ट्रर, कक्षा की संख्या व खाने की नियमिति व्यवस्था होनी चाहिए।
-अग्निशामक यंत्रों की गैस ही नहीं बदली गई है। कई छात्रावासों में तो एक्सपायरी डेट के लगाए गए है।
इनका कहना है
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे बालक-बालिका छात्रावास में सिर्फ बालिका छात्रावास में ही सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना है, लेकिन अभी लगा नहीं है। बालक छात्रावास में लगवाने का कोई प्रावधान नहीं। छात्रावास में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। आगंतुक रजिस्ट्रर भी मेंटेन है।
मो. अजीज, संचालक आदिम जाति कल्याण विभाग।
……………………………….
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।