इन्होंने बताई समस्या
काजल तोमर निवासी रोहनिया 19 अगस्त को कियोस्क सेंटर सीबीआइ में खाता खुलवाने आई थी, उसे अभी तक पासबुक नहीं लगी। छात्रावृत्ति के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अमित कुमार पटेल निवासी बड़वारा 19 जुलाई को खाता खुलवाया, अबतक खाता नहीं मिला। काशीराम कोल निवासी बंदी का पीएम आवास योजना में रुपये आया है, सुबह से शाम तक बैंक में बैठा रहा, लेकिन रुपये नहीं मिले। रोशनी बाई पति शंभू सिंह बड़ेरा प्रसव की राशि आई है, कई दिन से परेशान हैं। शीला बाई पति कंछेदीलाल कोल निवासी राहनिया इनका बेटा, अनीता बाई पति नरेश कोल निवासी रोहनिया का भी बेटा बाहर काम करता है, माता-पिता की मदद के लिए खाते में रुपये भेजे, लेकिन यहां पर नहीं मिल पा रहे। यह समस्या हर दिन सैकड़ों लोगों के साथ बन रही है।
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योजनाएं हो रहीं प्रभावित
कियोस्क की मनमानी के कारण शासकीय योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। विद्यार्थियों के खाता न खुलने के कारण गणवेश, छात्रवृत्ति सहित अन्य सहायता राशि समय पर खाते पर नहीं पहुंचती, इसके अलावा वृद्धावस्था, निराश्रित, दिव्यांग सहित अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन का समय पर भुगतान नहीं हो पाता। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही पीएम आवास योजना का रुपये पाने भी लोग परेशान रहते हैं।
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्महिला कर्मचारी से लोग परेशान
कियोस्क सेंटर में खाता खुलवाकर लेनदेन करने पहुंचे लोग व खाताधारकों के परिजनों ने बताया कि बैंक में सिर्फ रुपये न मिलने, खाता समय पर न खुलने की समस्या नहीं है, बल्कि यहां के कर्मचारियों से भी खासी परेशानी है। लोगों ने बताया कि यहां पर पदस्थ एक महिला कर्मचारी का लोगों से बात करने का तौर-तरीका सही नहीं है। तेज आवाज में बात करना, दुत्कारना आम बात हो गई है, जिससे लोग खासे परेशान रहते हैं।
इस वजह से भी लग रही देरी
बताया जा रहा है कि कियोस्क सेंटर में किसी भी व्यक्ति का खाता खोलने की प्रक्रिया है उसमें सबसे ज्यादा समय लगता है। अन्य कियोस्क सेंटर व बैंक में खाता खोलते ही लेनदेन शुरू हो जाता है। लेकिन बड़वारा के कियोस्क सेंटर में खाता खोलने के बाद खाताधारक के दस्तखत और फोटो अपलोड होने में 15 से 20 दिन का समय लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रक्रिया पूरी होने के बाद 10 दिन बाद बैंक एकाउंट नंबर दिया जाता है।
इनका कहना है
बैंक में स्टॉफ की भारी कमी है। इसके अलावा कैश की भी समस्या है। रुपये मिलते नहीं हैं। मेन ब्रांच, मझगवां सहित अन्य बैंकों से भी कई बार कैश नहीं मिल पाता, इसलिए लोगों को राशि समय पर नहीं दे पाते। दो कर्मचारी हैं। उनको ज्यादा प्रेशर नहीं दे सकते। अभी सबसे ज्यादा पुराना काम निपटाने पर फोकस है। कर्मचारी यदि किसी से अभद्रता करते हैं तो उस पर रोक लगाई जाएगी।
गोविंद शर्मा, कियोस्क संचालक बड़वारा।