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11 साल में नहीं बन सका कटनी नदी पुल, अब पांच माह में पूरा करने की चुनौती, जानिये क्यों

तीन बार सेतु निगम ने जिस ठेकेदार को किया टर्मिनेट, चौथी बार फिर उसी को दिया काम, जून माह तक तैयार करके देना है पुल, अब दो पिलरों के सहारे खड़ा होगा नया कटनी नदी पुल

कटनीFeb 09, 2019 / 11:37 am

balmeek pandey

Critical negligence in construction of Katni river bridge

Critical negligence in construction of Katni river bridge

कटनी. लगभग 11 वर्ष से अधिक समय के बाद भी कटनी नदी पर बन रहे नवीन पुल का 20 फीसदी निर्माण भी नहीं हुआ। हैरानी की बात तो यह है कि मप्र सेतु निगम विभाग ने ठेकेदार रामसज्जन शुक्ला को तीन बार समय पर काम न करके देने पर टर्मिनेट किया और चौथी बार पुल निर्माण का काम फिर उसी ठेकेदार को सौंप दिया है। अब जून माह तक ठेकेदार को पुल तैयार करने का समय दिया गया है। ठेकेदार ने जिस काम को 11 साल में पूरा नहीं किया उसे पांच माह में पूरा करने की चुनौती है। नवीन पुल की स्वीकृति के साथ ही वर्ष 2009 में छह करोड़ 84 लाख रुपये की लागत से कार्य प्रारंभ कराया गया था। जिसमें रीवा निवासी ठेकेदार रामसज्जन शुक्ला को मप्र सेतु निगम ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से काम सौंपा था। पूर्व में पुल का निर्माण धनुषाकार होना था और उसके लिए भूमि अधिग्रहण में मामला काफी दिन तक फंसा रहा। ठेकेदार के द्वारा धनुषाकार निर्माण न हो पाने के कारण ड्राइंग डिजायन भी बदली गई थी। इस बीच कई माह तक काम बंद रहा। ड्राइंग डिजाइन बदले जाने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ। एक के बाद एक तीन बार मौका दिया गया, काम न होने पर सेतु निगम ने ठेकेदार को बर्खास्त कर दिया, इसके अलावा कार्य में देरी और अधूरा काम छोडऩे पर महंगाई को जोड़ते हुए ठेकेदार के ऊपर जुर्माना भी लगाया जाना था, विभाग ने नए ठेकेदार से काम प्रारंभ कराने की बात कही थी, लेकिन विभाग ने इस पर अमल नहीं किया।

इस तरह बनेगा पुल
अब यह पुल एक पिलर की बजाय 45-45 मीटर की दूरी में दो पिलर में तैयार होगा। दो स्लैब बनाकर पुल का काम पूरा किया जाएगा। नए पुल से 16 मीटर ऊपर ऑर्च तैयार होगा। स्टेजिंग जांच के बाद काम दु्रत गति से चलेगा।

करोंड़ों का हुआ भुगतान
वर्ष 2009 से लेकर अभी तक सेतु निगम ठेकेदार को अलग-अलग 4 करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान कर चुका है। बर्खास्त करने के साथ अबतक कराए निर्माण की लागत को छोड़कर शेष राशि और देरी करने पर अभी की स्थिति में महंगाई के हिसाब से जुर्माना भी ठेकेदार पर लगाया जाना था। जिसका आंकलन विभाग कर रहा था। राशि जमा न करने पर एफआइआर भी विभाग ठेकेदार के खिलाफ कराने की बात कर रहा था।

कटनी नदी को लेकर खास-खास
– 2009 से शुरू हुआ था कटनी नदी नवीन पुल का निर्माण।
– एक साल में तैयार किया जाना था धनुषाकार पुल।
– ड्राइंग डिजायन व भूमि अधिग्रहण में अटका रहा काम।
– पुराने जर्जर पुल से निकल रहे हैं लोग, भारी वाहन से है खतरा।
– 2017 में फिर से शुरू हुआ था काम, नहीं हुआ पूरा।
– लगभग तीन साल से ठेकेदार ने बंद कर दिया किया था काम।
– वर्ष 2017 में ठेकेदार शुक्ला से ही विभाग ने काम प्रारंभ कराया था।
– ठेकेदार ने पिलर खड़े कर ढलाई की भी तैयारी कर ली थी।
– ठेकेदार ने सेंटिंग लगाने के बाद उसे निकालकर काम बंद कर दिया था।

इनका कहना है
काम में देरी करने और अधूरा काम छोडऩे पर ठेकेदार को बर्खास्त करने की कार्रवाई तीन बार की गई है। ठेकेदार को अब नए रेट से काम कराने में 80 लाख से अधिक का नुकसान भी होना है, तो जुर्माने की कार्रवाई कहा होगी। विभाग द्वारा फिर काम सौंपा गया है। जून माह तक पुल तैयार करके ठेकेदार को देना है।
योगेश वत्सल, इंजीनियर मप्र सेतु निगम।

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