इस तरह बनेगा पुल
अब यह पुल एक पिलर की बजाय 45-45 मीटर की दूरी में दो पिलर में तैयार होगा। दो स्लैब बनाकर पुल का काम पूरा किया जाएगा। नए पुल से 16 मीटर ऊपर ऑर्च तैयार होगा। स्टेजिंग जांच के बाद काम दु्रत गति से चलेगा।
करोंड़ों का हुआ भुगतान
वर्ष 2009 से लेकर अभी तक सेतु निगम ठेकेदार को अलग-अलग 4 करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान कर चुका है। बर्खास्त करने के साथ अबतक कराए निर्माण की लागत को छोड़कर शेष राशि और देरी करने पर अभी की स्थिति में महंगाई के हिसाब से जुर्माना भी ठेकेदार पर लगाया जाना था। जिसका आंकलन विभाग कर रहा था। राशि जमा न करने पर एफआइआर भी विभाग ठेकेदार के खिलाफ कराने की बात कर रहा था।
कटनी नदी को लेकर खास-खास
– 2009 से शुरू हुआ था कटनी नदी नवीन पुल का निर्माण।
– एक साल में तैयार किया जाना था धनुषाकार पुल।
– ड्राइंग डिजायन व भूमि अधिग्रहण में अटका रहा काम।
– पुराने जर्जर पुल से निकल रहे हैं लोग, भारी वाहन से है खतरा।
– 2017 में फिर से शुरू हुआ था काम, नहीं हुआ पूरा।
– लगभग तीन साल से ठेकेदार ने बंद कर दिया किया था काम।
– वर्ष 2017 में ठेकेदार शुक्ला से ही विभाग ने काम प्रारंभ कराया था।
– ठेकेदार ने पिलर खड़े कर ढलाई की भी तैयारी कर ली थी।
– ठेकेदार ने सेंटिंग लगाने के बाद उसे निकालकर काम बंद कर दिया था।
इनका कहना है
काम में देरी करने और अधूरा काम छोडऩे पर ठेकेदार को बर्खास्त करने की कार्रवाई तीन बार की गई है। ठेकेदार को अब नए रेट से काम कराने में 80 लाख से अधिक का नुकसान भी होना है, तो जुर्माने की कार्रवाई कहा होगी। विभाग द्वारा फिर काम सौंपा गया है। जून माह तक पुल तैयार करके ठेकेदार को देना है।
योगेश वत्सल, इंजीनियर मप्र सेतु निगम।