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कटनी

इस जिले में मोदी सरकार की सबसे बड़ी योजना स्वच्छ भारत मिशन में सामने आई गंभीर बेपरवाही

28 सितंबर को जिला घोषित हुआ ओडीएफ, पांच माह बाद भी ठोल-तरल अपशिष्ट प्रबंधन नहीं शुरू काम, एप के काम न करने का हवाला दे रहे

कटनीFeb 24, 2019 / 05:40 pm

balmeek pandey

Svachchhata survey team inspected

Svachchhata survey team inspected

कटनी. 28 सितंबर 2018…। इस दिन कटनी जिला कागजों में ओडीएफ (खुले शौच से मुक्त) घोषित हो गया है। हकीकत भले ही यह है कि अभी भी 12 हजार से अधिक घरों में प्रसाधन ही नहीं हैं। विभाग बेसलाइन सर्वे के आधार पर अपने टारगेट को पूरा करने की दुहाई दे रहा है। हैरानी की बता तो यह कि ओडीएफ हुए जिले को पांच माह बीत गए हैं, लेकिन अबतक जिले की किसी भी पंचायत में ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर काम शुरू नहीं हुआ। स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी एप के काम न करने का हवाला दे रहे हैं। वहीं यह भी चर्चा कि वित्तीय वर्ष में यदि काम शुरू कर देंगे तो 31 मार्च तक पूरा करना होगा, ऐसे में हो पाना भी संभव नहीं है तो इसे अप्रैल माह से ही शुरू कर दिया जाए। जबकि ओडीएफ के बाद जिले में ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर काम किया जाना था। योजना में बदलाव भी किया गया। सबसे पहले 9 पंचायतों में किया जाना था, उसे भी कम करके 6 पंचायत की गईं इसके बाद भी एक भी पंचायत में इस दिशा में पहल शुरू नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।

यह होना था काम
पंचायतों के ओडीएफ हो जाने पर द्वितीय चरण में ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन के साथ स्वच्छता पर और भी फोकस करना है। इस पंचायतों में नाडेप टांका, कचरा खाद, सूखा और गीला कचरा के लिए अलग-अलग पिटों का निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण, नालियों का निर्माण, कचरा निपटान के लिए वाहनों की व्यवस्था आदि करना है।

खास-खास:
– जिले की बड़वारा, उमरियापान, तेवरी, बडग़ांव, बिलहरी, कन्हवारा में ही चलेगा पायलट प्रोजेक्ट।
– 2 अक्टूबर 2014 से जिले में शुरू हुआ था स्वच्छ भारत मिशन, अभियान के तहत एक लाख 4 हजार 767 बनाए गए हैं प्रसाधन।
– दो माह में प्रसाधन विहीन परिवार की तैयार करनी थी सूची, जिला पंचायत के पास एक भी परिवार की नहीं है जानकारी।
– सर्वे के लिए 472 स्वच्छाग्राही लगाए गए हैं, हर माह दिया जा रहा 3-3 हजार रुपये मानदेय, इसके बाद भी नहीं हो रहा काम।

इनका कहना है
जिला ओडीएफ होने के बाद जिले की 6 पंचायतों में पहले पायलेट प्रोजेक्ट के तहत ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर काम होना है। जनवरी में स्वच्छाग्राहियों की ट्रेनिंग हुई है। एप में समस्या आ रहा है। शीघ्र ही इस काम तेजी लाई जाएगी।
आनंद पांडेय, प्रभारी डीसी, स्वच्छ भारत मिशन।

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