scriptकॉलोनी वैधीकरण के बाद भी लोगों को नगर निगम नहीं दे पाएगा मूलभूत सुविधाएं…जानिए कारण | Development work will not be done in illegal colonies | Patrika News

कॉलोनी वैधीकरण के बाद भी लोगों को नगर निगम नहीं दे पाएगा मूलभूत सुविधाएं…जानिए कारण

locationकटनीPublished: Feb 10, 2019 05:00:52 pm

Submitted by:

mukesh tiwari

अंतिम व्यक्ति तक के शुल्क चुकाने पर ही मिल पाएंगी मूलभूत सुविधाएं, शहर में एक सैकड़ा कॉलोनियों की वैधीकरण की पूरी कराई गई है प्रक्रिया

Development work will not be done in illegal colonies

Development work will not be done in illegal colonies

कटनी. अवैध कॉलोनियों के वैधीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी नगर निगम उनमें विकास के कार्य नहीं करा पाएगा। पूर्व सरकार ने 15 अगस्त 2018 तक प्रदेश की सभी अवैध कॉलोनियों को वैध कराने का काम किया था। जिसमें नगर निगम सीमा की 91 कॉलोनियां भी शामिल थीं लेकिन उनमें सड़क, नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं तब तक उपलब्ध नहीं कराई जा सकेंगी, जब तक कॉलोनी के अंतिम व्यक्ति तक से शुल्क न जमा करा लिया जाए। ऐसे में अब एक सैकड़ा के लगभग कॉलोनियों में विकास कार्य होने में वर्षों का समय लग सकता है। कॉलोनियों के वैधीकरण की प्रक्रिया पूरी होने व अधिसूचना जारी होने के बाद विकास शुल्क जमा न होने की स्थिति में मात्र प्रकाश और पेयजल की सुविधा ही नगर निगम उपलब्ध करा पाएगा। जिसमें नगर निगम ने अमृत योजना से पाइप लाइन डालने का काम शुरू कराया है और नए पोल लगाए जा रहे हैं लेकिन ऐसी कॉलोनी सबसे बड़ी समस्या सड़क, नाली आदि का काम नहीं हो पा रहा है।
पांच माह बाद डिमांड हुई तैयार
शहर की जिन कॉलोनियों के वैधीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई है। उनका विकास शुल्क निर्धारित कर दिया गया है। पांच माह से अधिक का समय बीत गया है और अभी डीपीआर तैयार होने के बाद विकास शुल्क की डिमांड तैयार कराई जा रही है। उसके बाद यह तय हो पाएगा कि किस कॉलोनी से निगम को कितना विकास शुल्क लेना है।
कालोनाइजरों से नहीं वसूली
शहर में प्लाट काटकर बिक्री करने वाले ऐसे कॉलोनाइजर जिनकी कॉलोनी अवैध की श्रेणी मेंं रही हैं, उनसे शुल्क वसूली का काम नगर निगम नहीं करा रहा है। उल्टे रहने वालों पर ही उसका बोझ डाला जा रहा है। उपनगरीय क्षेत्र एनकेजे के रेल थाना के पीछे की कॉलोनी, शिवाजी नगर सहित कई अन्य कॉलोनियों के कॉलोनाइजर जिंदा हैं लेकिन उनसे शुल्क जमा कराने की जगह निवासियों से शुल्क लेने का काम किया जा रहा है।

खास बातें-
– शहर में 91 कॉलोनियों को वैध करने किया गया था चिन्हित
– पांच माह पूर्व हो चुका वैधीकरण का कार्य
– इन कॉलोनियों में बरसात में कच्ची सड़कों से गुजरते हैं सैकड़ों लोग
– नालियां न होने से कॉलोनियों में ही जमा है घरों व बारिश का गंदा पानी
– शुल्क जमा न होने तक पेयजल व बिजली की ही हो पाएगी व्यवस्था

इनका कहना है…
नियमानुसार अंतिम व्यक्ति से विकास शुल्क लेने के बाद ही विकास कार्य कराए जाने हैं। पेयजल व प्रकाश की व्यवस्था कराने का कार्य कराया जा रहा है। इसके अलावा शहर में चल रहे सीवर लाइन प्रोजेक्ट में इन कॉलोनियों से भी लाइन गुजरेगी। उसके बाद सिर्फ सड़क ही मुख्य समस्या होगी। कॉलोनाइजरों से भी शुल्क वसूला जाएगा और एफआइआर करने की भी तैयारी है।
शशांक श्रीवास्तव, महापौर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो