हकीकत यह है
रोशनी क्लीनिक में महिलाओं को एनीमिया, ह्दय रोग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, स्तन संबंधी समस्याएं, यौनजनित रोग, फाइब्रोइड, डीयूबी, बांझपन, सर्वाइकल एवं यूटराइन कैंसर की स्क्रीनिंग, प्रोलेप्स यूटरस बीमारियों की अस्पताल में उपलब्धता अनुसार जांच कराने के प्रावधान हैं। सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर जांच निर्धारित दर पर अनुबंधित प्रयोगशाला से कराना अनिवार्य है। इसके अलावा मेमोग्राफी, एफएनसी, पेप रिमयर, आडियोमेंट्री, यूरोफ्लेमेंट्री, सीटी स्केन, एमआरआई, हिस्ट्रोसेलपिंजोग्राफी, फोलीक्यूलर की आउटसोर्स से जांच की व्यवस्था करने निर्देशित किया गया है। रोगियों के इलाज में होने वाला खर्च राज्य बीमारी में चिन्हित बीमारियों में से किया जाना है। इसके अलावा कैंसर अस्पताल में होने वाली जांच का व्यय एनएचएम मद से किया जाएगा। लेकिन हकीकत यह है कि जिला अस्पताल में रोशनी क्लीनिक में सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है।
यह है तीन साल में लाभान्वितों की स्थिति
2016 से अबतक बमुश्किल 15 से 20 महिलाओं को ही रोशनी क्लीनिक से लाभ मिल पाया है। 2016 में कैंसर के 2, रक्तचाप की 3, डीआइपी की 4, अन्य केस 1245, हाइरिस्क गर्भवती 37 पहुंची हैं। इसमें से 60 महिलाएं ऐसी पहुंची हैं जो नि:संतना थीं। उन्हें आस थी कि इस क्लीनिक में उपचार से उनके मां बनने का सपना पूरा होगा, लेकिन मात्र 3 महिलाएं ही मां बन पाई हैं। 2017 में 37 इन्फर्टिलिटी के केस आए हैं, लेकिन लाभ कितनों को मिला इसकी रिपोर्टिंग ही नहीं है। इसके साथ ही 2017-18 में कितनी नि:संतना महिलाओं को लाभ मिल पाया है इसका विभाग के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है। तीन साल में बमुश्किल 15 से 20 महिलाओं को भी लाभ मिल पाया है। रोशनी क्लीनिक में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, दो महिला चिकित्सक, एक चिकित्सा अधिकारी, विशेषज्ञ मेडिसिन विभाग उपस्थित रहना चाहिए। इसके बाद भी महिलाओं के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। महकमे के जिम्मेदार भी गड़बड़ी पर मौन साधे हुए हैं।
खास-खास
– रोशनी क्लीनिक के दिन नहीं खुले रहते सोनोग्राफी-पैथालॉजी सेंटर।
– प्रधानमंत्री जांच योजना के तहत नहीं हो रही एएनसी जांच।
– रोशनी क्लीनिक का नहीं लगा बोर्ड व समय सूचना बोर्ड।
– चिकित्सक न रहने से नि:संतना दंपत्तियों की नहीं होती काउंसलिंग।
इनका कहना है
रोशनी क्लीनिक में उपचार के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को बेहतर लाभ मिल सके इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।
नहीं चलेगी मनमानी
नि:संतान दंपत्तियों के लिए शुरू की गई रोशनी क्लीनिक में यदि लापरवाही बरती जा रही है तो इसमें सख्त कार्रवाई करेंगे। इस संबंध में सीएस से जवाब तलब किया जाएगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।