दिनभर माता के मंदिर में श्रद्धालुओं की भक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा। हाथों में प्रसाद एवं माला लिए भक्त अपने परिवार समेत माता के दरबार में पहुंचे। भीड़ के चलते पुलिस प्रशासन को भी मशक्कत करनी पड़ी। थाना प्रभारी कालूराम मीना की अगुवाई में पुलिस जाप्ता मंदिर परिसर एवं मेला परिसर में व्यवस्थाएं संंभालने में जुटा रहा। मेले को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने यहां अस्थाई कंट्रोल रूम भी बना दिया है। वाहनों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने करीब एक किमी पहले ही वाहनों को रोक दिया।
सेवा का जुनून पपलाज के दर आने वाले पदयात्रियों एवं श्रद्धालुओं की सेवा का जुनून भी लोगों पर सिर चढ़कर बोल रहा है। उपखंड मुख्यालय से माता मंदिर तक दर्जनों जगहों पर हाथ जोड़ कर श्रद्धालुओं की भोजन, चाय एवं अल्पाहार की मनुहार की जा रही है। शहर के डिगो रोड पर राव का कुआ, कंछला बस्ती, चौपटा समेत कई जगहों पर टेंट लगाए गए हैं। पदयात्रियों के मनोरंजन के लिए मार्ग में भजनों कार्यक्रम भी हो रहे हैं।
अव्यवस्था पर भारी आस्था स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के चलते मेले स्थल पर अव्यवस्थाओं का भी बोलबाला है। अस्थाई शौचालयों का निर्माण नहीं करने से श्रद्धालुओं को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है। इसके चलते मंदिर परिसर एवं मेले स्थल पर दुर्गंध हो रही है। नाक पर कपड़ा रखकर मंंदिर तक पहुंचना पड़ता है। रात्रि को भी हजारों की भीड़ उमडऩे के बाद भी पर्याप्त रोशनी का इंतजाम नहीं है। श्रद्धालु अंधरे में ठोकर खाते हुए माता के दर पर पहुंच रहे हैं। समाजकंटकों का डर भी बना रहता है। कुटक्या नाके से लेकर माता मंदिर में करीब पांच किलोमीटर लंबे मार्ग में रात्रि को कहीं भी प्रकाश की व्यवस्था नहीं होने से पदयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बुधवार रात को कई बार बिजली की आपूर्ति बंद होने से श्रद्धालु अंधेरे में परेशान रहे। इसके अलावा पपलाज मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को जान हथेली पर रखकर ओवरलोड वाहनों में सफर करना मजबूरी बन गई है। मेले के लिए रोडवेज बसों की व्यवस्था नहीं करने से ओवरलोड जीप व जुगाड़ में सफर करना पड़ रहा है। ग्रामीण परिवहन बस सेवा की इक्का-दुक्का बस सेवा ही संचालित की जा रही है। (नि.प्र)