चार घंटे चला बचाव कार्य
घटना की जानकारी पर एनकेजे से एमएफडी कॉल की गई। राहत बचाव दल मौके पर पहुंचा और इंजन को पटरी पर लाने काम शुरू हुआ। चार घंटे से अधिक समय तक सुधार कार्य जारी रहा। यह गनीमत थी कि हादसा अप और डाउन ट्रैक में नहीं हुआ। क्योंकि अभी भी सिंगरौली लाइन सिंगल लाइन है और हादसा मेन लाइन में होता तो आवागमन बंद हो जाता।
तीन माह में दूसरी बार हादसा
खन्नाबंजारी में तीन माह के अंतराल में यह दूसरा हादसा है। इसी तरह 14 अक्टूबर को भी स्टेशन की साइडिंग में इंजन पटरी से उतर गया था। ट्रैक पर कांक्रीट के कारण इंजन पटरी से उतर गया था। घटना की सूचना पर एमएफडी और एआरटी की टीम मौके पर पहंची थी और कई घंटे की मशक्कत के बाद उसे ठीक किया था।
इनका कहना है
डिरेलमेंट के बाद सुधार कार्य कराया गया। घटना के बाद से मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच टीम बनाई गई है। जांच में दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होगी। इस हादसे में यह देखा जा रहा है कि साइडिंग वालों की गलती है या फिर प्रबंधन की।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ।