scriptघोषणा के बाद भी नर्सिंग कॉलेज से महरूम विद्यार्थी, स्वीकृति के बाद भी छिन गया सेंट्रल स्कूल, नहीं बन पाया इंजीनियरिंग व नर्सिंग कॉलेज | Engineering, medical nursing college demand in Katni | Patrika News
कटनी

घोषणा के बाद भी नर्सिंग कॉलेज से महरूम विद्यार्थी, स्वीकृति के बाद भी छिन गया सेंट्रल स्कूल, नहीं बन पाया इंजीनियरिंग व नर्सिंग कॉलेज

घोषणा के बाद भी नर्सिंग कॉलेज से महरूम विद्यार्थी, स्वीकृति के बाद भी छिन गया सेंट्रल स्कूल कटनी. शिक्षा के मामले में शहर को लगातार आश्वासन का झुनझुना ही मिला है। बात चाहे स्वीकृति के 10 साल बाद सिविल केंद्रीय विद्यालय का लाभ नहीं मिलने का हो या फिर घोषणा के बाद नर्सिंग कॉलेज से महरूम होने की हो शहर और जिले के छात्रों को पढ़ाई के लिए सिर्फ परेशाही ही हाथ लग रही है। जिले के बच्चों की बेहतर पढ़ाई हो इस दिशा में जनप्रतिनिधियों के प्रयास महज कागजी ही हैं। इसका खामियाजा उन बच्चों को भुगतना पड़ रहा है

कटनीJul 23, 2020 / 11:27 am

balmeek pandey

Railways will provide skill development training

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कटनी. शिक्षा के मामले में शहर को लगातार आश्वासन का झुनझुना ही मिला है। बात चाहे स्वीकृति के 10 साल बाद सिविल केंद्रीय विद्यालय का लाभ नहीं मिलने का हो या फिर घोषणा के बाद नर्सिंग कॉलेज से महरूम होने की हो शहर और जिले के छात्रों को पढ़ाई के लिए सिर्फ परेशाही ही हाथ लग रही है। जिले के बच्चों की बेहतर पढ़ाई हो इस दिशा में जनप्रतिनिधियों के प्रयास महज कागजी ही हैं। इसका खामियाजा उन बच्चों को भुगतना पड़ रहा है जिनकों हाई व हॉयर सेकंडरी की पढ़ाई करने के बाद बाहर न जा पाने की मजबूरी में पढ़ाई छूट जाती है। माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा हाल ही में कक्षा 10वीं के परिणाम जारी किए गए जिसमें जिले का परिणाम महज 53.70 फीसदी रहा है। हालांकि एक्सीलेंस माधवनगर, गुलवारा सहित कई स्कूलों के परिणाम बेहतर रहे हैं। विभाग के अफसरों द्वारा खराब परिणाम के पीछे शिक्षकों की कमी का ठीकरा फोड़ा जा रहा है। वहीं सुविधाओं को लेकर भी हमेशा जिला उपेक्षित रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में अफसरों से लेकर जनप्रतिधियों द्वारा ध्यान न दिए जाने से अच्छी शिक्षा से विद्यार्थी महरूम हैं। उन्हें हाई व हॉयर सेकंडरी के बाद बाहर जाने की मजबूरी होती और जो जा नहीं पाते फिर उन्हें पढ़ाई छोडऩी पड़ती है या फिर निजी संस्थानों में महंगी पढ़ाई होने के कारण वहां तक पहुंच ही नहीं पाते। हैरानी की बात तो यह है कि सीएम की घोषणा के बाद शहर को अबतक नर्सिंग कॉलेज, सेंट्रल स्कूल की सौगात नहीं मिली। मेडीकल और इंजीनियरिंग कॉलेज का मामला भी ठंडे बस्ते में है।

यह है नर्सिंक कॉलेज का हाल
नर्सिंग की पढ़ाई के लिए जिले में एक भी सरकारी नर्सिंग कॉलेज नहीं है। ऐसे में छात्राओं को पढ़ाई के लिए दूसरे शहर व जिले में खुले हुए निजी कॉलेजों में दाखिला लेना पड़ रहा है। महंगी फीस जमा कर पढ़ाई करनी पड़ रही है। जिले की छात्राओं को शहर में ही नर्सिग की पढ़ाई की सुविधा मिल जाए, इसके लिए 12 नवंबर को विकास यात्रा पर शहर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 करोड़ रुपये की लागत से 200 सीटर नर्सिंग कॉलेज बनवाने की घोषणा की। सीएम की घोषणा के बाद जिला प्रशासन को जमीन खोजना था, लेकिन दो वर्ष से अधिक का समय बीतने को है अभी तक इस दिशा में सार्थक पहल प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने नहीं की। इस तहर की बेपरवाही से शहर के विद्यार्थियों को मायूसी का सामना करना पड़ रहा है।

सपना बना सिविल केंद्रीय विद्यालय
2010 में कटनी शहर में सिविल केंद्रीय विद्यालय खोले जाने की स्वीकृति मिली थी। इसमें स्थान चयन को लेकर अधिकारी योजना बनाते ही रह गए और केंद्रीय विद्यालय ठंडे बस्ते में चला गया और प्रशासन की लापरवाही व जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान न दिए जाने का खामियाजा बच्चों को विद्यालय खोकर भुगतना पड़ा। हैरानी की बात तो यह है कि दो साल पहले फिर जमीन तलाश के लिए पहल हुई, वैकल्पिक भवन के लिए प्रयास किए जाते रहे, लेकिन प्रयास कारगर नहीं रहे। बता दें कि सिविल वर्ग के लिए सिविल लाइन में भवन देखा गया लेकिन मानव विकास मंत्रालय की टीम ने स्कूल संचालन के निर्देश दिए, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

इंजीनियरिंग कॉलेज से भी महरूम विद्यार्थी
शहर में इंजीनियरिंग कॉलेज की मांग भी कई वर्षों से की जा रही हैं। इसको लेकर पूर्व में छात्र संगठनों द्वारा मांग उठाई गई। एनएसयूआइ जिलाध्यक्ष अंशु मिश्रा के नेतृत्व में प्रदर्शन भी किया गया। इस दिशा में शासन-प्रशासन द्वारा पहल करने की भी बात कही गई, लेकिन आजतक सार्थक परिणाम सामने नहीं आए। मेडिकल कॉलेज की मांग पूरी न होने के बाद युवाओं में इंजीनियरिंग कॉलेज की आंस बंध गई थी, लेकिन इसको लेकर भी जनप्रतिनिधि हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।

इनका कहना है
हाल ही में सीएम को पत्र लिखकर शहर में मेडिकल कॉलेज, इंजीनीयरिंग कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज व सेंट्रल स्कूल खोले जाने की मांग की गई है। लगातार पहल कर इनको खुलवाने प्रयास किए जाएंगे।
संदीप जायसवाल, विधायक कटनी।

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