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बराबर शिक्षक और संसाधन, फिर परिणाम में अंतर क्यों

– खराब परिणाम वाले दस हाइस्कूल प्राचार्यों को जारी होगा नोटिस, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर होगी कार्रवाई.
– बीते वर्ष की तुलना में खराब परीक्षा परिणाम पर कलेक्टर ने डीइओ से कहा अहसास है या नहीं.

कटनीJul 08, 2020 / 10:07 pm

raghavendra chaturvedi

After reaching the excellent school Madhavnagar, collector discussed the exam results.

उत्कृष्ट स्कूल माधवनगर पहुंचकर कलेक्टर ने परीक्षा परिणाम पर की चर्चा।

कटनी. बीते वर्ष की तुलना में हाइस्कूल का आशाजनक परीक्षा परिणाम नहीं आने के बाद कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी बीबी दुबे से कहा कि आपको अहसास है या नहीं। उन्होंने सभी प्राचार्य व शिक्षकों से कहा कि अपना स्वआंकलन करें और प्रत्येक विद्यालय के रिजल्ट की माइक्रो एनालिसिस करें कि क्या कारण रहे, जिनसे बराबरी के संसाधनों के बाद भी रिजल्ट नहीं सुधार पाये।

कलेक्टर एसबी सिंह ने डीइओ को निर्देश दिए कि जिले के बॉटम के 10 हाई स्कूल के प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी करें और लापरवाही साबित होने पर प्राचार्य एवं शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करें। समीक्षा बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी सहित डीपीसी आरपी चतुर्वेदी, प्राचार्या उत्कृष्ट विद्यालय विभा श्रीवास्तव व शिक्षक मौजूद रहे।

हाइस्कूल परीक्षा परिणाम को लेकर कलेक्टर ने कहा कि माधवनगर उत्कृष्ट स्कूल का परिणाम 92 प्रतिशत है और बड़वारा हायर सेकेंडरी का 22 प्रतिशत है। जबकि दोनों ही स्कूल में संसाधन और शिक्षकों की संख्या बराबर है। उन्होंने डीइओ से पूछा कि परिणाम में इतना अंतर कैसे, तो डीइओ ने चुप्पी साध ली।

हाइस्कूल परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद अभिभावकों ने मांग की है कि जिले में शिक्षकों की मॉनीटरिंग के लिए सार्थक एप से मॉनीटरिंग प्रारंभ की जाए। अभिभावकों का कहना है कि ग्रामीण अंचल के स्कूल में शिक्षक हाजिरी लगाकर स्कूल से नदारत हो जाते हैं। शहर में ऐसा नहीं हो पाता है। इसी का परिणाम है कि बराबर संसाधन के बाद भी शहर के परिणाम बेहतर हैं और ग्रामीण अंचल के स्कूल फिसड्डी साबित हो रहे हैं।

परिणाम को लेकर इन बातों पर फोकस
– चालू शैक्षणिक सत्र के लिये शिक्षा की गुणवत्ता और रिजल्ट सुधार के लिए बनाएं माइक्रो प्लानिंग।
– प्रत्येक बच्चे की प्रोफाईल बनायें, कमजोर बच्चों को विषय विशेष की एक्स्ट्रा क्लासेस एवं गाईडेन्स देवें। बच्चों के अभिभावकों को भी सेन्सेटाईज करें।
– इस वर्ष के हाई स्कूल परीक्षा परिणामों के विश्लेषण के दौरान उभरकर आई कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाए।

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