नगर निगम के सामने शहर का प्रदूषण बता रहा डिस्प्ले मशीन नवंबर माह में प्रारंभ हुआ। नागरिकों का आरोप है कि यह मशीन नवंबर माह में 21 और 22 तारीख को ही चली। इस बीच शहर मेंं लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के बाद डिस्प्ले बोर्ड को बंद कर दिया गया। दिसंबर और जनवरी माह में डिस्प्ले बोर्ड बंद रहने से नागरिकों को प्रदूषण की जानकारी नहीं मिल पा रही है।
जानकार बताते हैं कि वायु प्रदूषण से श्वसन तंत्र में संक्रमण, फेफड़ों का कमजोर होना, पाचन तंत्र में खराबी, स्ट्रोक, डायबिटीज, फेफड़ों का कैंसर, मोतियाबिंद, चिड़चिड़ापन और आईसिंड्रोम सहित अन्य बीमारी होती है। इधर शहर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर गल्र्स कॉलेज के छात्र नेता सोनल बाधवा बतातीं हैं कि भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद की रिपोर्ट में प्रदूषित हवा को बीमारी की प्रमुख वजह और जल्दी बुढ़ापा आने का कारण बताया गया है। शहर में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण निश्चित ही चिंता का विषय है। जिम्मेंदारों को इस बारे मेंं ध्यान देना चाहिए।
तिलक कॉलेज के छात्र नेता ऋषभ मिश्रा बताते हैं कि पीसीबी और जिला प्रशासन के साथ ही नगर निगम को शहर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर ध्यान देना चाहिए। यहां बीते कई महीने से प्रदूषण का स्तर लगातार अत्यंत खराब है। जिम्मेंदारों ने ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन करेंगे।
प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी एचके तिवारी के अनुसार शहर में प्रदूषण को लेकर नगर निगम को पहले ही पत्र लिखा जा चुका है। इसमें निगम के अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए। निगम कार्यालय के सामने डिस्प्ले बोर्ड तकनीकी खराबी के कारण बंद है। जल्द चालू करवाएंगे।
नगर निगम के आयुक्त आरपी सिंह बताते हैं कि शहर की सड़कों पर पानी छिड़काव के निर्देश पहले ही इंजीनियर को दिए हैं। पता करवाते हैं कि इस मामले में क्या काम हो रहा है।