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सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व दे रही यह मंडी, लेकिन किसानों के साथ हो रही बड़ी ठगी, वीडियो में देखें बड़ा खुलासा

उड़द का एमएसपी रेट 5600, लेकिन सिंडीकेट बनाकर व्यापारी 2500 से 3000 हजार में ही खरीद रहे उड़द

कटनीJul 27, 2018 / 12:00 pm

balmeek pandey

Farmers looted in agricultural market in katni

Farmers looted in agricultural market in katni

कटनी. कृषि उपज मंडी पहरुआ में किसान इन दिनों मंडी कर्मचारियों और व्यापारियों की मनमानी का भेंट चढ़ रहे हैं। गर्मी में कड़ी मेहनत कर उड़द-मूंग की फसल तैयार की, लेकिन जब उसे बेचने के लिए पहुंच रहे तो उन्हें उसका वाजिब दाम नहीं मिल रहा। किसान कमला प्रसाद पटेल, मुकेश पटेल आदि ने बताया सरकार द्वारा अभी फसलों का एमएसपी निर्धारित किया है। इसमें उड़द की कीमत 5600 रुपए प्रति क्विंटल बताई गई है, लेकिन मंडी में मात्र 2500 से 3000 हजार रुपए प्रति क्विंटल ही खरीदा जा रहा है। किसानों ने बताया कि पहले तो जिले में खरीदी ही नहीं होनी थी, लेकिन पत्रिका ने किसानों की इस समस्या को प्रमुखता से उजागर किया, जिसके बाद खरीदी हो रही है, लेकिन अब उन्हें उपज का सही दाम नहीं मिल रहा। बढिय़ा से बढिय़ा क्वालिटी का उड़द 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल से अधिक दाम में नहीं लिया जा रहा। यही हाल मूंग का भी रेट मात्र 3700 से 4 हजार रुपए ही मिल रहा है।

इसलिए की जा रही है मनमानी
किसानों की मानें तो मंडी में व्यापारियों ने एक यूनिटी बना ली है। व्यापारी और बया मिलकर अपने हिसाब से रेट लगा रहे हैं। व्यापारियों और मंडी निरीक्षकों का तर्क होता है कि अभी तो बाजार में ही रेट नहीं है तो फिर हम क्या करें। खरीफ की खेती के लिए और कर्ज अदायगी के लिए किसानों को रुपयों की आवश्यकता है, इसलिए मजबूरी में वे उपज बेच रहे हैं।

इनका कहना है
सरकार ने अभी हाल ही में फसलों के एमएसपी निर्धारित की है। इसमें उड़द का दाम 5400 रुपए बताया गया है जिसमें 200 रुपए का बोनस शामिल कर 5600 किसान को मिलना है। मंडी में उड़द मात्र 2800 रुपए के भाव से लिया जा रहा है। यह किसानों के साथ खुली लूट है। व्यापारी मनमानी कर रहे हैं और मंडी प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा।
संतोष दुबे, किसान, ग्राम बिछिया।

किसान 4-5 माह तक धूप में तपकर किसी तरह फसल तैयार किया है, लेकिन जब उसे उसका हक मिलने का समय आया तो वह माटी मोल बिक रही है। सरकार 5600 रुपए उड़द लेने की बात कह रही है, लेकिन मंडी में 2500 से तीन हजार रुपए में खरीदी हो रही है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। मंडी सचिव सहित यहां पर तैनात मंडी निरीक्षक ध्यान नहीं दे रहे।
मुकेश पटेल, किसान, डीघी।

गांव में घर बैठे व्यापारी उड़द 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं। किसान वाजिब दाम के लिए समय और रुपए बर्बाद कर मंडी लेकर फसल पहुंचे हैं, लेकिन यहां पर व्यापारियों, बया और मंडी कर्मचारियों की मनमानी का भेट चढ़ रहे हैं। दो दिन का समय बर्बाद हो रहा है रेट भी सहीं नहीं मिल रहा। अंतर की राशि भी कब और कैसे मिलेगी अबतक कोई पता नहीं है।
सुनीता दुबे, किसान, उमरियापान।

मार्केट में अभी मूंग और उड़द का रेट नहीं है। इस वजह से यहां पर कम दाम में डाक चल रही है। फिर भी मंडी में तीन हजार से 3500 रुपए तक चल रहा है। किसानों को इसमें कृषक समृद्धि योजना के तहत अंतर की राशि की घोषण सरकार स्तर पर होना है, इसके अलावा बोनस भी 200 निर्धारित है।
पीयूष शर्मा, मंडी सचिव।

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