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कटनी

मौसम में आई तब्दीली से किसानों के माथे पर बल

-अपने उत्पाद के भींगने और खराब होने से हर किसान चिंतित

कटनीJan 04, 2021 / 05:20 pm

Ajay Chaturvedi

क्रय केंद्र में खुले में रखा किसानों का धान

क्रय केंद्र में खुले में रखा किसानों का धान

कटनी. मौसम में आई तब्दीली ने किसानों के पेशानी पर बल ला दिया है। वो चिंतित हैं कि धान क्रय केंद्रों में रखे उनके उत्पाद अगर बारिश में भींग गए तो क्या होगा? उनकी तो साल भर की मेहत जाया हो जाएगी। दरअसल कलेक्टर के तमाम दिशा निर्देश के बावजूद अधिकांश क्रय केंद्रों में धान को सुरक्षित रखने के कोई इंतजाम नहीं हुए हैं। लिहाजा धान खुले में पड़ा है।
बता दें कि जिले में कुल 102 धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं। इसमें से करीब 22 केंद्र ही ऐसे हैं जहां धान सुरक्षा के इंतजाम हैं। शेष केंद्र खुले आसमान के नीचे चल रहे हैं। अधिकांश केंद्रों में किसानों की धान तौल होने के बाद बाहर पड़ी है या फिर तौलने के लिए बाकी रह गई। इस बीच मौसम विभाग ने बारिश के लिए अलर्ट किया है। लिहाजा किसान चिंतित हैं।
बहुतेरे क्रय केंद्रों में हजारों क्विंटल धान का स्टाक खुले में रखा है। परिवहन नहीं होने से खरीदे गए धान के बोरों का केंद्रों में अंबार लगा है। लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी सिर्फ आंकडों के घोडे दौडा रहे हैं। अधिकारी तो दावा कर रहे हैं कि जिले के सभी खरीदी केंद्रों में सब कुछ सही चल रहा है। लेकिन केंद्रों में जाने पर हकीकत कुछ और ही देखने मिल रहा है।
सामान्य किसानों की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि उन्हें मैसेज आने और केंद्र तक धान पहुंचाने के बाद कई दिनों तक उनके धान की तौल नहीं होती। लेकिन बड़े व्यापारी किसानों से कम रुपयों में धान खरीद करने के बाद खरीदी केंद्रों में पीछे के दरबाजे से धान तौलवा रहे हैं। क्रय केंद्र प्रभारी कमीशन के चक्कर में किसानों की तौल रोककर पहले व्यापारियों के धान तौल रहे हैं, जिससे किसानों को बेवजह ही परेशान होना पड़ रहा है। वहीं प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ केंद्र का चक्कर काटकर वापस लौट आते हैं। क्रय केंद्रों में तो यह भी देखा जा रहा है कि क्षेत्रीय नेताओं का कचरा मिला धान तक तौलवाया जा रहा है। लेकिन किसानों का धान तौलने के लिए सारे नियम कानून बताए जाते हैं।
हाल ये है कि क्रय केंद्रों में रखी तुली धान और बिना तुली धान को पानी से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। किसान खुद अपनी ओर से तिरपाल लाकर अपने बिना तौल वाले धान की सुरक्षा करने मजबूर हैं। रोजाना बादल छाए रहने से बारिश की आशंका बनी रहती है। रविवार की सुबह पानी बरसने की संभावना के चलते किसानों ने केंद्रों में धान को ढक दिया था। लेकिन दोपहर में मौसम खुल गया जिससे फिलहाल धान बची हुई है।
इस बीच मौसम विज्ञानियों की मानें तो लगभग 15-20 दिन इस तरह का मौसम रहने वाला है। इससे कहीं छिटपुट तो कहीं तेज बारिश होने की संभावना जताई है। पिछले दो दिनों से मौसम लगातार बदल रहा है। वातावरण में गर्मी भी महसूस की जा रही है। ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखना तो लाजमी है।

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