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कटनी

विकास से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा से क्यों दूर भाग रहे वित्त मंत्री

कटनी जिले के प्रभारी मंत्री व प्रदेश सरकार के वित्तमंत्री जयंत मलैया की अध्यक्षता में होनी है जिला योजना समिति की बैठक, एक साल से इंतजार

कटनीSep 17, 2018 / 09:24 am

raghavendra chaturvedi

jayant malaiya

finance minister mp

कटनी. जिले में पेयजल, शिक्षा व सड़क से लेकर आमजनों से जुड़ी दूसरे कार्यों की योजना बनाने और उस पर अब तक हुए काम की समीक्षा जिला योजना समिति (जियोस) की बैठक में होती है। कटनी जिले में इस बैठक का एक साल से इंतजार है। जियोस की बैठक जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश सरकार के वित्तमंत्री जयंत मलैया की अध्यक्षता में 31 अगस्त 2017 को हुई थी। इसके बाद से नहीं हुई।
जियोस के सदस्य और बहोरीबंद से विधायक सौरभ सिंह ने बताया कि जिला योजना समिति की बैठक नहीं होने से निधि में हुए कार्यों की समीक्षा ही नहीं हो पा रही है। बजट लैप्स हो रहा है। जिले में करोड़ों रुपये के योजनाओं के क्रियान्वयन पर असर पड़ा है। जो पैसे योजनाओं के लिए स्वीकृत हुआ उस पर अधिकारियों ने काम किया या नहीं इसका पता ही नहीं चल पा रहा है। यानि भ्रष्टाचार हो रहा होगा तो जनप्रतिनिधियों व आमजनों को जानकारी ही नहीं मिलेगी। जिले की प्रोग्रेस 25 प्रतिशत ही रह गई है। बैठक के लिए मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर को पत्र लिख चुके हैं।
इससे पहले जियोस की बैठक 13 अप्रैल 2017 को हुई थी। बैठकों में सिंचाई, पेयजल, सड़क सहित अन्य निर्माण कार्यों के करोड़ों रुपये की योजनाओं के अनुमोदन के बाद उस पर हुए कार्यों की समीक्षा एक साल बाद भी नहीं हो सकी है। जियोस की बैठक तीन माह में करवाए जाने का प्रावधान है।
31 अगस्त 2017 की बैठक में अल्प वर्षा के बाद किसानों की परेशानी और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार। बांध और स्टॉप डेम में जल संचय और उसे बढ़ाने के लिए बनी योजना। पेयजल में एक साल पहले 14 नल जल योजनाओं के बंद इकाई को चालू करने। स्वाइन फ्लू, डेंगू और मलेरिया के रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग ने क्या प्रयास किया। बिजली के ट्रांसफार्मर और नई लाइन विस्तार के लिए विभाग द्वारा बनाई गई योजना। ग्राम दुर्जनपुर का नाम परिवर्तित कर शिवधाम करने का निर्णय। खिरहनी ओवर ब्रिज का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम करने पर व गनियारी-घिनौची मार्ग पर निर्मित पुल का नाम प्रभात पांडेय सेतु किये जाने सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई थी।
जियोस की बैठक नहीं होने और अफसरों के बेपरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विजयराघवगढ़ विधानसभा के दुर्जनपुर गांव का नाम बदलकर शिवधाम करने के निर्णय पर अब तक अमल नहीं हो सका।
जियोस की बैठक नहीं होने को लेकर सचिव और कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि बैठक नहीं होने से पहले बीआरजीएफ योजना के काम पर असर पड़ता था। वर्तमान में यह योजना नहीं चल रही है। अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से हो रहा है। बीच-बीच में दूसरे जनप्रतिनिधियों की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों में भी जियोस के मुद्दे पर चर्चा होती है।

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