कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पीयूष शुक्ला ने बताया कि सेल्समैन विकास दुबे ने 21 मई को 1.70 क्विंटल मुरुम, मिट्टी युक्त मूंग दाल बच्चों को वितरित की थी। जिसकी जांच एसडीएम बहोरीबंद के निर्देशन पर की गई। जिसमें पाया गया कि उचित मूल्य की दुकान में स्लीमनाबाद के तिवारी ब्रदर्स वेयरहाउस से मूंग भेजी गई थी लेकिन वेयरहाउस में रखी मूंग सही पाई गई थी। उसमें मिलावट नहीं की गई। विद्यार्थियों ने यह भी बताया था कि सेल्समैन के द्वारा 50-50 रुपए देकर दो बोरी मुरुम खुदवाई। इसलिए जांच में स्पष्ट हुआ की सेल्समैन ने दुकान पर ही मिलावट की और बच्चों को मूंग वितरित की। सेल्समैन के द्वारा किया गया यह कृत्य मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदेश 2015 की कंडिका 11(7) व 18 का स्पष्ट उलघ्घन है। जिस पर सेल्समैन विकास दुबे के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत धारा 3/7 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
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पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान भूला के सेल्समैन विकास दुबे के द्वारा 21 मई को मुरम व मिट्टी युक्त मुरम का वितरण विद्यार्थियों को किया गया था। इस मुद्दे को पत्रिका ने प्रमुखता से मुद्दा उठाया गया था। जिसके बाद सेल्समैन के खिलाफ कानूनी शिंकजा कसना शुरू हुआ। पहले जहां पहले निलंबन हुआ वहीं अब एफआईआर भी दर्ज की गई।