्र्रग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं की दरकार, जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट
कटनी•Oct 22, 2018 / 12:39 pm•
dharmendra pandey
Graduals need basic facilities, Ground Zero report of Vijayaraghavad
कटनी. जिले की विजयराघवगढ़ क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का विकास अभी भी मुख्य मुद्दा है।गांव में शिक्षा के लिए स्कूल की कमीं, आवागमन के लिए सड़कों का अभाव और बेरोजगारी से युवा वर्ग गुस्से में है। इनता नही ग्रामीण तो यहां तक कह रहे है कि नेताओं की बातों से अब विश्वास ही उठता जा रहा है। इस सीट से भाजपा के संजय पाठक विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।
डिघी गांव से खेतों की मेड़ों के बीच 5 माह के दुधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर 2 किमी दूर से पैदल खिरवाखुर्द गांव आ रही महिला लक्ष्मीबाई कुछ भी पूंछते इससे पहले ही बोल उठी कि गांव में आने-जाने के लिए सड़क नहीं बनी है। साल 2005-06 के बीच हमारा गांव बाण सागर डूब प्रभावित क्षेत्र में आ गया था। तब से लेकर अब तक हम सभी गांववासी इसका दंश झेल रहे है। बारिश के सीजन में तो पूरा गांव टापू बन जाता है। चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई देता है। इस बीच यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाए। या किसी महिला की डिलेवरी करानी हो तो वह समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सकती। बीमार व्यक्ति तो रास्ते में ही दम तोड़ देता है। कंधे पर उठाकर दो किमी दूर पैदल चलना पड़ता है। तब जाकर मुख्यमार्ग मिलता है। 10 माह तक तो गांव में कोई भी वाहन प्रवेश नही कर सकता। लगभग दो किमी दूर पैदल चलने के बाद जब गांव पहुुंचे तो नवरात्रि का पर्व होने के कारण बड़ी संख्या में लोग मंदिर पर बैठे मिले। माता की भक्ति के साथ ही लोग चुनावी बातों में मशगूल दिखे। चर्चा करने पर बताया कि गांव 150 घर बने हुए है। सभी वर्ग के 500 से अधिक मतदाता है। गांव में बच्चों की पढ़ाई के लिए कक्षा 5वीं तक ही स्कूल है। इससे आगे की पढ़ाई के लिए गांव से बाहर कई किमी दूर जाना पड़ता है। सड़क नही होने से नाव से बच्चे आगे की पढ़ाई करने जाते है। कई बार आधी या तूफान आने से नाव पलट जाती है। हर दिन लोग जोखिम भरा सफर करते है। गांव में अस्पताल की भी सुविधा नही है। बीमार होने पर 20 से 25 किमी दूर जाना पड़ता है। आम के पेड़ के नीचे बैठे राजेश, कपिल, महेंद्र ने बताया कि इस बार सड़क नही तो वोट नही का यहां मुद्दा रहेगा। बोले जब चुनाव आता है और वोट की जरूरत पड़ती है, तभी जनता की याद आती है, लेकिन इस बार ऐसा नही होगा। पिछले चुनाव मेंं विधायक ने आश्वासन दिया था, कि पुल बनेगी तभी गांव में आउंगा। पांच साल बीत गए पुल नही बना। नीम के पेड़ के नीचे बैठे लोगों ने कहा कि सरकार ने मुआवजा भी इतना दिया है, कि उससे कुछ होने वाला नही है। 5 से 6 हजार रुपये मुआवजा दिया है। इतने कम रुपये में तो हम किसी और गांव में जाकर कुछ कर भी नही सकते।
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