बता दें कि जिले में तकरीबन 125 कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। इन्हें जरूरत है एक अदद चिकित्सक की जो इनकी बात सुने, इन्हें उचित परामर्श दे। इन्हें समय से दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा।
बताया जा रहा है कि बरही में एक 40 वर्षीय युवा पिछले 10 दिन से होम आईसोलेशन में है। युवक का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के किसी जिम्मेदार ने इन 10 दिनों में एक बार भी उसे फोन नहीं किया। उसका हाल नहीं जाना। वैसे यह एक नजीर भर है। अन्य 124 मरीजों का भी यही हाल है।
ये भी पढ़ें- कोरोना से जंग के बीच कलेक्टर की इस गाइडलाइन पर अमल हो तो मरीजों को मिल सकती है बड़ी राहत जिले में कोरोना संक्रमण कितनी तेजी से बढ़ रहा है इसका अंदाजा इसी से लगता है कि बीते दस दिन में ही ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों की संख्या सौ से ऊपर पहुंच चुकी है। जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1251 हो गई है। इनमें से 50 प्रतिशत के ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों को भी कोविड सेंटर बनाया गया है।
शव वाहन तक नहीं जिले में कोरोना से अब तक अधिकृत रुप से 16 मौतें हो चुकी हैं। एक सप्ताह के भीतर जिला अस्पताल में ही तीन महिलाएं दम तोड़ चुकी हैं लेकिन कोरोना संक्रमित शवों मुक्तिधाम तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के पास शव वाहन नहीं है। असुरक्षित तरीके से शवों को मुक्तिधाम तक पहुंचाने से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
मंगलवार को माधवशाह अस्पताल में कोरोना संक्रमित महिला की मौत के बाद वाहन के इंतजार में छह घंटे तक शव अस्पताल में ही पड़ा रहा। बाद में एमएसडब्ल्यू के वाहन से शव को मुक्तिधाम तक पहुंचाया गया।
“कोरोना से होने वाली मौत के बाद शव को मुक्तिधाम तक भेजने की व्यवस्था कराने के प्रयास किए जाएंगे।”-डॉ.आर.बी.सिंह, प्रभारी सीएमएचओ