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कटनी

जागा महिला एवं बाल विकास विभाग, अब इस पहल से जिले में मिटेगा कुपोषण का कलंक

डॉक्टर ब्रम्हा ने फिर बढ़ाया हाथ, 100 बच्चों को गोद लेकर सुपोषित करने शुरू किया अभियान

कटनीApr 30, 2019 / 05:34 pm

balmeek pandey

Help of social workers to eradicate malnutrition

Help of social workers to eradicate malnutrition

कटनी. जिले में कुपोषित बच्चों की स्थिति दयनीय है। अब भी लगभग 22 हजार बच्चे कुपोषण का दंश झेल रहे हैं, जिसमें दो हजार बच्चों की स्थिति गंभीर है, जो अति कुपोषण की चपेट में हैं। पत्रिका द्वारा कुपोषण में बरती जा रही बेपरवाही को सिलसिलेवार उजागर किया गया, जिसके बाद अब महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ है। जिले के सातों एनआरसी केंद्र बच्चों से फुल हो गए हैं तो वहीं अब समाजसेवियों की मदद से बच्चों को सुपोषित करने का बीड़ा महिला एवं बाल विकास विभाग ने उठाया है। पहले से बड़वारा क्षेत्र के 287 कुपोषित बच्चों को गोद लेकर सुपोषित करने वाले नई बस्ती निवासी डॉ. ब्रम्हा जसूजा की मदद से 100 और बच्चों को गोद देकर उन्हें सुपोषित करने का अभियान छेड़ा गया है। रविवार को नई बस्ती स्थित अपना नर्सिंग होम में 75 बच्चे पहुंचे, जिन्हें सुपोषित करने के लिए जांच करने के बाद दवा का वितरण किया गया।

विभाग ने चयनित किए बच्चे
नई बस्ती में डॉक्टर ब्रह्मा जसूजा की क्लीनिक में महिला बाल विकास में चयनित बच्चों का चेकअप किया गया। स्वास्थ्य शिविर लगाकर 75 बच्चों डॉक्टर ब्रह्मा जसूजा द्वारा द्वारा अधिक कम और कम वजन के बच्चों की जांच की गई। जांच के बाद आयरन सिरप, एल्बेंडाजोल, कैल्शियम और प्रोटीन पाउडर वितरित किया गया। महिला बाल विकास विभाग के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सूरज, महिला बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक बबीता सिंह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लता रजक, सहायिका पांडे का विशेष सहयोग रहा। डॉ. रमा जसूजा द्वारा सभी बच्चों की माताओं को खानपान के बारे में एडवाइज दी गई।

इनका कहना है
कुपोषित बच्चों को शीघ्र ही सुपोषित करने अभियान चलाया जा रहा है। एनआरसी में उपचार के साथ समाजसेवियों, एनजीओ के साथ मिलकर अब जरुरतमंद बच्चों का उपचार कराया जा रहा है। शीघ्र ही जिले से कुपोषण को खत्म किया जाएगा। इस अभियान में डॉ. ब्रम्हा जसूजा, डॉ. रमा आदि का विशेष सहयोग मिला है।
नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग।

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