एक्सप्रेस के पहुंचते ही यात्रियों ने शुरू किया हंगामा, चैन पुलिंग कर रोकी ट्रेन, देखें वीडियो
हाथरस की नौटंकी रही ऐतिहासिक
जब नगर निगम बनी तो काफी समय तक मेले को लेकर रुचि नहीं ली गई। मेला ठेके में दे दिया जाता रहा। कार्तिक पूर्णिमा पर लोग स्नान पूजन के लिए जाते रहे, इसमें मेला चला और परंपरा का निर्वहन हुआ। 1982 का मेला ऐतिहासिक रहा। इसमें सरकार के 17 स्टॉल लगे थे। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, एसीसी, नगर निगम, वन मंत्रालय, समाज विकास मंत्रालय, पंचायत, सहकारिता, रेल मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय के स्टॉल 13 दिन तक प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी गई। हाथरस की नौटंकी आकर्षण का केंद्र होती थी। बस्ती के लोग इसका लुत्फ उठाते थे। लगभग 24 घंटे का मेले का आयोजन होता था। नदी में वोटिंग चलती थी जो अब गुमनाम हो गई।
इनका कहना है
धारा 144 के चलते कलेक्टर ने रोक लगा दी थी, 18 से कर मेला लगाने चर्चा हुई थी। इसकी तैयारी भी हो गई थी। मेला आयोजन के लिए सोमवार को कलेक्टर से फिर मुलाकात करनी थी, लेकिन वे जबलपुर बैठक में गए हैं। जल्द ही आयोजन के लिए डेट तय कर कटायेघाट में मेले का आयोजन किया जाएगा।
शशांक श्रीवास्तव, महापौर।