आंदोलनकारी किसान मोर्चा के सदस्यों ने बताया कि 5 जून को केंद्र सरकार द्वारा पारित कथित किसान विरोधी तीन अध्यादेश वापस लिए जाने की मांग को लेकर वे चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर रहे हैं। ऐसा मोर्चा के राष्ट्रीय नेतृत्व में किया जा रहा है।
किसान मोर्चा के सदस्यों और पदाधिकारियों का कहना है कि गत 5 जून को बीजेपी सरकार ने किसानों की हित की उपेक्षा करते हुए जो कानून पारित किया है वह किसान हितैषी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल महज पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए पारित किया गया है। इससे पूरे देश के किसानों में आक्रोश है।
केंद्र सरकार द्वारा पारित बिल मोर्चा पदाधिकारियों के अनुसार केंद्र सरकार ने निम्न तीन अध्यादेश पारित किए हैं… 1-फार्मर्स एंपावरमेंट एंड प्रोटेक्शन एग्रीमेंट एश्युरेंश एंड फार्म सर्विसेज ऑर्डिनेंस (एफएपीएफएस 2020)
2-फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन (एफपीटीसी 2020 )
3-आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 संशोधन शामिल है।
उऩ्होंने कहा कि ये किसान विरोधी अध्यादेश वापस नहीं लिए गए तो देश के 31 राज्यों, 550 जिला मुख्यालयों पर 543 सांसदों के पुतले जलाकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।