महिला एवं बाल विकास विभाग और helth की योजनाओं का लक्ष्य एक है तो दोनों विभाग समन्वय से काम करें। उन्होंने सभी जिला प्रमुखों से स्पष्ट कहा कि आम जनता से जुड़े विभिन्न विभाग एक दूसरे की योजनाओं के बारे में पर्याप्त जानकारी रखें और ग्रामीण क्षेत्रों में मैदानी स्तर पर समन्वय के साथ योजनाओं तथा कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करें। बतादें कि कवींद्र कियावत पहले अनूपपुर में कलेक्टर रहे हैं, वहां उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन और स्वास्थ्य सेवाओं पर अच्छा काम किया था।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने कहा कि यहां भी अनूपपुर मॉडल लागू करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। बैठक में कलेक्टर एसबी सिंह, डीएफओ एके राय, संयुक्त कलेक्टर सपना त्रिपाठी सहित सभी विभागों के जिलाधिकारी मौजूद रहे। प्रभारी सचिव ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना, गौशाला निर्माण, पाठ्य पुस्तक और साइकिल वितरण, छात्रावास सुदृढीकरण, दस्तक अभियान, सपूर्ण टीकाकरण, संस्थागत प्रसव सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की।
खास-खास:
– प्रभारी सचिव ने कहा कि एएनएम, एमपीडब्ल्यू, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सेक्टर सुपरवाइजर अपने मुख्यालय में ही निवास करें।
– एसडीएम अपने क्षेत्र में मॉनीटरिंग करें और क्रियान्वयन में गड़बड़ी मिलने पर जांच करवाएं।
– अधिकारियों को सलाह दी कि जब भी ग्रामीण क्षेत्र के भ्रमण पर जायें, तो वे अपने विभाग की योजनाओं के अलावा दूसरे विभागों की मूलभूत योजनाओं और कार्यक्रमोंं को भी देखें।
– मैदानी कर्मचारी निर्धारित मुख्यालय पर रहें तो आमजन और उनके बीच संवादहीनता की स्थिति नहीं बनेगी इससे शासकीय सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
– नगर निगम और नगरीय निकाय के कार्यों की समीक्षा में कहा कि नगरीय क्षेत्र में साफ-सफाई व्यवस्था उचित स्वरुप में होनी चाहिये। सफाई दरोगा ड्रेस में रहें और मोबाइल नंबर भी अंकित हो।
– सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों का भी समय-समय पर भौतिक सत्यापन करायें और मृृत हिग्राहियों के नाम सूची से हटायें।
– अघोषित विद्युत कटौती नहीं होनी चाहिये। नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू और कृषि फीडर पर तयसूदा समय तक बिजली आपूर्ति होनी चाहिये।