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कन्हैया के प्रकट होते ही भाव विभोर हुए श्रद्धालु, वीडियो में देखें जन्माष्टमी का अद्भुत नजारा

शहर सहित जिलेभर में धूमधाम से मना कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व, सत्यनारायण मंदिर, गोविंद देवजी मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर सहित लक्ष्मी ट्रस्ट में रही धूम जीवंत झांकियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन

कटनीSep 04, 2018 / 11:59 am

balmeek pandey

Krishna Janmashtami celebrated in katni

Krishna Janmashtami celebrated in katni

कटनी. जय-जय सुर नायक-जन सुख दायक… नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…, बाजे-बाजे रे बधाई मैया तोरे अंगना, बधाई हो बधाई, मोहल्ला में मच गयो हल्ला, यशोदा ने ज्यायों है लल्ला…। इस तरह के एक से बढ़कर भक्ति गीत, झांकियों के दर्शन के लिए उमड़ा रेला…। यह नजारा रहा सोमवार को शहर के प्रसिद्ध सत्यनारायण मंदिर, सिल्वर टॉकीज समीप स्थित गोविंद देवजी मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर सहित स्टेशन रोड स्थित लक्ष्मीनारायण ट्रस्ट के। अवसर था श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का। शहर सहित जिले भर में धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों में अष्टमी तिथि पर सोमवार को रात ठीक 12 बजे ककड़ी की बौल काटकर भगवान बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव मनाया गया। भगवानका जन्म होते ही श्रद्धालु खुशी से झूम उठे। सत्यनारायण मंदिर में लगे मेले का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। मंदिरों में आकर्षक रूप से बनाई गईं रंगोली और भगवान श्रीकृष्ण-राधा और गोपियों की जीवंत झांकियों ने दर्शनार्थियों को मुग्ध किया। इसके अलावा शहर के प्रमुख शक्तिपीठ जालपा मंदिर, दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, मधई मंदिर, शेर चौक स्थित साईं मंदिर, विश्राम बाबा मंदिर, भोलेशंकर मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी पर्व की धूम रही। इसके अलावा घर-घर कन्हैयाजी का जन्मोत्सव मनाया गया। लोगों ने दिनभर व्रत रखकर रात्रि में कन्हैयाजी के पाट का विशेष पूजन-अर्चन किया।

सत्यनारायण मंदिर में लगा विशेष मेला
कृष्ण जन्माष्टमी की सबसे ज्यादा धूम सत्यनारायण मंदिर में रही। मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का ठीक 12 बजे जब जन्मोत्सव हुआ तो श्रद्धालु भक्ति के रंग में डूब गए और प्रार्थना, आरती, अराधना के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। भगवान के जन्मोत्सव गीत, बधाई गीत में श्रद्धालुओं ने जमकर गोता लगाया। वहीं शाम से मंदिर परिसर व मुख्य मार्ग में मेला आकर्षण का केंद्र रहा। रिमझिम फुहारों के बीच लोगों को उत्साह देखते बना। बारिश के बीच लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया। मंदिर के 100 साल पूरे होने पर विशेष झांकियां बनाई गई थीं। मंदिर के बाहर मेले में झूले, स्टॉल आकर्षण का केंद्र रहे।

यह भी दिखा गजब का उत्साह
भगवान बांके बिहारीलाल के जन्मोत्सव में हर कोई रंगा नजर आया। सिलवर टॉकीज रोड स्थित श्रीगोविंद देव मंदिर परिसर में बाहर से आए कलाकारों ने भगवान की बाललीलाओं और संत महात्मा की थ्री डी रंगोली तैयार की थी, जिसे देखकर लोग मुग्ध हुए। यहां पर भी ठीक 12 बजे जन्मोत्सव मनाया गया। मेन रोड स्थित महालक्ष्मी धर्मशाला में भी रंगोली के माध्यम से लीलाओं की झांकियों का लोग दर्शन किया। दोनों स्थानों पर जीवंत झांकी भी विशेष रहीं।

लक्ष्मीनारायण मंदिर में उमड़ी भीड़
शहर के लक्ष्मी नारायण मंदिर भी उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। पुजारी नीलेश पाठक ने बताया कि सुबह से यहां पर धार्मिक आयोजनों का सिलसिला शुरू हो गया था। सुबह भगवानश्री का भव्य श्रंगार किया गया। जन्मोत्सव के बाद भगवानश्री की दिव्य झांकी ने भी दर्शनार्थियों का मन मोहा। मंदिर की साज-सज्जा ने भी श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। यहां पर सुंदर भजनों की प्रस्तुति का भी भक्तों ने लुत्फ उठाया।

वरुण महिला मंडल का आयोजन
वरुण महिला मंडल द्वारा वरुण भवन में जन्माष्टमी पर्व का आयोजन किया गया। इस दौरान छोटे-छोटे बच्चों को राधा-कृष्ण के रूप में सजाया गया। इस मौके पर बच्चों द्वारा संस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। बेस्ट राधा कृष्ण का पुरस्कार भी दिया गया। कार्यक्रम में समाज के 100 से ज्यादा बच्चों ने भाग लिया। पलक नानकनी, कोमल लालवानी, चेस्टा पंजवानी, माही संगतानी, गौरव संगतानी, कनक, जतिन, भूमि पीयूष, रोहन, दीप्ति, याशिका, साहिबा, सान्या, अराधाना, निमेष, अलया, पीहू सहित अन्य बच्चे शामिल रहे।

प्रसाद से पोषण विषय पर मनाया गया कृष्ण जन्मोत्सव
जिले में राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत मनाए जा ाहे पोषण माह के अंतर्गत आंगनवाडिय़ों में कृष्णजन्मोत्सवमनाया गया। कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक के साथ अधिकारियों ने महिलाओं को भोजन के महत्व को समझाया। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने लोगों को समझाया कि कैसे द्वापर काल मे भी महिलाओं को पता था कि हर दो घंटे में बच्चे को भोजन की आवश्यकता होती है। 56 भोग की शुरुआत की कथा से हम जान पाते है कि माता यशोदा हर 2 घंटे में बालक कृष्ण को कुछ न कुछ जरूर खिलाती थीं परंतु जब गोवर्धन पर्वत को 7 दिनों तक अंगुली पर उठाए रहे। इस प्रकार 1 दिन के 8 बार एवं 7 दिन का कुल 56 बार लला कृष्ण कुछ नही खा पाये तब मां यशोदा ने 56 प्रकार के व्यंजन बनाये। वर्तमान में भी कृष्ण के जैसे अपने बच्चे के लिए पोषण/भोजन का महत्व है। इसके अलावा प्रसाद में कौन कौन से पोषक तत्व हैं एवं हमें बच्चों को रोज क्यों खिलाना चाहिए इस बात को समझाया। रामकृष्ण परमहंस वार्ड के उपनगरीय क्षेत्र छपरवाह स्थित आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 130 व 133 मे श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर दोनों केन्द्रो की कार्यकर्ता पुष्पा तिवारी व मोनिका तिवारी सहित क्षेत्र कि महिलाएं व बच्चे उपस्थित रहे। इसके अलावा राधे-कृष्ण मंदिर हिरवारा में भी विशेष आयोजन हुए। इस दौरान नरेश बर्मन, अजय बर्मन, सुमेरा बर्मन, शंकर बर्मन, सिब्बू बर्मन आदि मौजूद रहे।

जन्माष्टमी पर हुआ शिवलिंग निर्माण और रुद्राभिषेक

उमरियापान. कृष्णजन्माष्टमी के अवसर पर सोमवार को सिलौंडी के कछियाना मोहल्ला स्थित राधाकृष्ण मंदिर में शिवलिंग निर्माण और रुद्राभिषेक किया गया। महिलाओं और युवतियों ने 11 हजार पार्थिव शिवलिंग निर्माण किया। आचार्य शैलेन्द्र मिश्रा, अंकित शास्त्री, ब्रजकिशोर शास्त्री, मुकेश गौतम और रवि अवस्थी ने विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन कर रूद्राभिषेक कराया। इस दौरान विजय मिश्रा, वीरेंद्र, राजा, शिवनारायण मिश्रा, माधव प्रसाद अवस्थी, शुभम मिश्रा, प्रकाश राय, रमेश राय,अश्विनी, चंद्रिका, शेष नारायण मिश्रा, रवि, सुनील, हल्दकार सहित अन्य लोग शामिल रहे।

 

 

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