यह है प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार कारा (सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स एथॉरिटी) केंद्रीय दत्तक अभिकरण में बच्चा गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद तीन राज्यों का चयन करना होता है। कितनी उम्र का बच्चा गोद लेना है, लड़का या लड़की गोद लेना है यह पूछा जाता है। वेटिंग वालों को पहले प्राथमिकता दी जाती है।
फेमली कोर्ट से दिया जा रहा बच्चा
माल्टा की दंपत्ति को फेमली कोर्ट के माध्यम से बच्चा गोद दिया जा रहा है। हालांकि अब नियम में बदलाव हो गया है। अब जो भी दंपत्ति अनाथ बच्चों को गोद लेंगे उनकी प्रक्रिया कलेक्टर कोर्ट से होगी। यह पहल किशोर न्याय अधिनियम नवीन संसोधन नियम में तय प्रावधान के तहत होगा।
यह है जिले में बच्चों की स्थिति
– 12 बच्चे अनाथ आश्रमों में हैं लीगल फ्री
– 1 से 6 वर्ष तक हैं दो बच्चे।
– 7 से 18 वर्ष के हैं 8 बच्चे।
– 38 बच्चे अभी तक दिए जा चुके हैं गोद।
वर्जन
किलकारी शिशुगृह में रह रहे तीन वर्ष के बच्चे को माल्टा देश के दंपत्ति द्वारा गोद लिया जा रहा है। बच्चा लीगल फ्री हो चुका है। गोद दिलाने की संपूर्ण प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है। 14 फरवरी को विदेश से दंपत्ति पहुंचेंगे, जिन्हें कोर्ट के माध्यम से गोद दिलाया जाएगा।
नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग।