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कटनी

मौसम खराब: हो रही बूंदाबांदी फिर भी असुरक्षित 53 हजार मिट्रिक टन, फिर सामने आई विपणन विभाग की बेपरवाही

शुक्रवार सुबह से ही जिले का मौसम खराब है। ग्रामीण क्षेत्रों में तेज बारिश, शहर में आसमान में बादलों का डेरा और बंूदाबांदी हो रही है। कृषि विज्ञान केंद्र से मौसम वैज्ञानिक ने तीन दिन पहले ही जिले में बारिश की संभावना बता चुके थे, इसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा अनाज की सुरक्षा में बेपरवाही की जा रही है।

कटनीMar 28, 2020 / 07:04 pm

balmeek pandey

Marketing department's negligence in protecting paddy

Marketing department’s negligence in protecting paddy

कटनी. शुक्रवार सुबह से ही जिले का मौसम खराब है। ग्रामीण क्षेत्रों में तेज बारिश, शहर में आसमान में बादलों का डेरा और बंूदाबांदी हो रही है। कृषि विज्ञान केंद्र से मौसम वैज्ञानिक ने तीन दिन पहले ही जिले में बारिश की संभावना बता चुके थे, इसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा अनाज की सुरक्षा में बेपरवाही की जा रही है। बड़वारा क्षेत्र के मझगवां ओपन कैंप में 53 हजार मिट्रिक टन धान का भंडारण खुले में किया गया है। यहां पर रखी अधिकांश धान से तिरपाल अलग है। ऐसे में बारिश होने पर फिर बड़ी मात्रा में धान खराब होगी। हैरानी की बात तो यह है कि इस धान की सुरक्षा विपणन विभाग द्वारा की जा रही है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को इसका पता ही नहीं है कि यहां पर रखी इतनी बड़ी धान की स्थिति क्या है। कटनी-बड़वारा मुख्य मार्ग पर एकदम सड़क किनारे यह धान रखी हुए है। जिले के आला अधिकारी भी इसी मार्ग से गुजरते हैं, इसके बाद भी अनाज की सुरक्षा को लेकर किसी का ध्यान नहीं है।

 

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पूर्व में खराब हो चुकी है धान
ओपन कैप मझगवां में रखी धान पूर्व में भी बड़ी मात्रा में खराब हो चुकी है। बारिश के कारण धान को सुरक्षित तरीके से ढंका नहीं गया था, जिसके चलते धान भीग गई थी। सैकड़ों क्विंटल धान जमकर पौधों में बदल गई थी। काफी मात्रा में धान सड़ गई थी। इस मामले को पत्रिका ने उजागर किया था। इसके बाद भी धान की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदारों ने कुछ सख्ती दिखाई, अब फिर बड़ी मात्रा में धान असुरक्षित है।

इनका कहना है
लॉकडाउन के कारण गार्ड नहीं पहुंच पा रहा हैं। मौसम खराब है। इसको ध्यान में रखते हुए धान के ऊपर तिरपाल ढंगवाने व्यवस्था की जाएगी। तिरपाल क्यों अलग कराई गई यह भी पता कराते हैं।
शिखा वर्मा, जिला विपणन अधिकारी।

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